संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में सत्र के एजेंडे पर चर्चा हुई. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह बैठक बुलाई. इस बैठक में बैठक में 23 पार्टियों के 30 नेता शामिल हुए, जिन्होंने कई सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष के सुझावों को सकारात्मक रूप से लिया गया है.
सर्वदलीय बैठक संपन्न होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री का बयान सामने आया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि चार दिसंबर से शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है और यह 22 दिसंबर तक चलेगा. 19 दिन तक चलने वाले सत्र में 15 बैठकें होंगी. हमने आज सर्वदलीय बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुलाई थी. उन्होंने कहा,
उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में भी मणिपुर के विषय पर चर्चा के लिए विपक्ष ने नोटिस दिया था तब हम तैयार थे. हमने राज्यसभा में हमने एडमिट भी किया था. लोकसभा में हमने बार-बार कहा था कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं.
सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी, तृणमूल नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, एनसीपी नेता फौजिया खान सहित 30 नेता शामिल हुए.
शीतकालीन सत्र में भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 पर विचार किए जाने की संभावना है.
सर्वदलीय बैठक के बाद प्रमोद तिवारी ने तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा का बचाव किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि जनता द्वारा चुने गए लोगों की सदस्यता किसी भी समिति द्वारा नहीं छीनी जानी चाहिए. इस पर चर्चा होनी चाहिए. दरअसल, कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकसभा की आचार समिति ने महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है.
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