रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक बुधवार से शुरू हो गई है। आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास (Shakti Kant Das) की अध्यक्षता में आयोजित तीन दिवसीय बैठक के नतीजे की घोषणा 8 दिसंबर, शुक्रवार सुबह 10 बजे की जाएगी।
विशेषज्ञों के अनुसार नहीं होगा बदलाव
बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए अनुमान जताया कि आरबीआई (RBI) मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों (रेपो रेट) को बिना किसी बदलाव के एक बार फिर 6.5 प्रतिशत पर रखा जा सकता है। विशेषज्ञों ने मुद्रास्फीति (महंगाई दर) नियंत्रण में होने और आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार संतोषजनक होने के आधार पर यह अनुमान जताया है।
साल 2022 में रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि
बता दें कि रिजर्व बैंक की एमपीसी (MPC) की बैठकें हर दो महीने में होती है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली बैठक अप्रैल में हुई थी। आरबीआई (RBI) ने पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में रेपो रेट छह बार में 2.50 प्रतिशत बढ़ाया थी। बता दे कि भारतीय आरबीआई की एमपीसी की बैठक में छह सदस्य होते हैं। जिसमें तीन बाहरी और तीन रिजर्व बैंक (Reserv Bank of India) के अधिकारी होते हैं।
6.5 फीसदी तक रह सकता है रेपो रेट
बता दें कि आरबीआई (RBI) ने अक्टूबर में लगातार चौथी बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर बनाए रखा था। इससे पहले बैंक नियामक ने फरवरी 2023 में रेपो रेट बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था, तब से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया, ऐसे में जब बाजार सामान्य बना हुआ है तो एक बार फिर जल्द ही बैंक रेपो रेट को 6.5 पर बरकरार रखने पर विचार कर सकती है।
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