ओडिशा और बिहार ट्रेन हादसों के बाद भारत रेलवे हरसंभव सुरक्षा मजबूत करने में लगा हुआ है। अब तक 1465 किलोमीटर लंबे मार्ग पर इस ‘कवच’ को लगा दिया गया है। तो वहीं अब दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर लिए भी टेंडर जारी की गई हैं।
स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (एटीपी) ‘कवच’ को अब तक 1465 किलोमीटर लंबे मार्ग और दक्षिण मध्य रेलवे खंडों पर 139 लोकोमोटिव (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेक) पर स्थापित किया गया है।
बता दें, लिंगापल्ली-विकाराबाद-वाडी के 265 किलोमीटर और विकाराबाद-बीदर खंड, मनमाड-मुदखेड-धोने-गुंटकल खंड के 959 किलोमीटर और बीदर-परभणी खंड के 241 किलोमीटर लंबे मार्ग पर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। वहीं, वर्तमान में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर के करीब 3000 किलोमीटर लंबे मार्ग के लिए कवच टेंडर जारी की गई हैं और इन मार्गों पर कार्य प्रगति पर है।
इसके अलावा, भारतीय रेलवे ने एक सर्वे, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और 6000 किलोमीटर रेल मार्ग पर कवच लगाने के अनुमान सहित कई प्रारंभिक काम भी शुरू किए हैं।
‘कवच’ चलती ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है। इसे तीन भारतीय कंपनियों के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने स्वदेशी रूप से तैयार किया है।
कवच न सिर्फ ट्रेन के चालक को खतरे में सिग्नल पास करने और तेज गति से गाड़ी चलाने से बचाव में मदद करता है बल्कि इससे खराब मौसम के दौरान ट्रेन चलाने में भी मदद मिलती है। इस तरह ट्रेन परिचालन की सुरक्षा और दक्षता बढ़ती है।
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