प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने 2001 के संसद हमले के दौरान शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पिती की है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘मैं 2001 के संसद हमले के दौरान शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हम उनकी सेवा, बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे.’ संसद हमले की 22वीं बरसी पर पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेताओं ने हमले में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
इसके अलावा कांग्रेस पार्टी की नेता सोनिया गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अदीर रंजन चौधरी ने भी पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘बहादुर सुरक्षाकर्मियों ने 22 साल पहले आज ही के दिन देश के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व को खत्म करने और हमारे लोकतंत्र के मंदिर को नुकसान पहुंचाने की आतंकवादियों की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया था. इन बहादुर जवानों में मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले नौ लोग भी शामिल थे.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ संसद भवन में शहीद जवानों के परिजनों से मुलाकात की. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवाने वाले वीर सुरक्षा कर्मियों का राष्ट्र हमेशा ऋणी रहेगा.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘2001 के संसद हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वालों को मेरी श्रद्धांजलि. राष्ट्र उनके साहस, शौर्य और सर्वोच्च बलिदान को सदैव याद रखेगा.’
वहीं केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘2001 में आज ही के दिन हमारी संसद को आतंकवाद से बचाने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित करें. उनकी स्मृति सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के खिलाफ हमारी समझौताहीन लड़ाई को प्रेरित करती है.’ बता दें कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने 13 दिसंबर, 2001 को संसद परिसर पर हमला किया था, जिसमें नौ लोग शहीद हुए थे. सुरक्षा बलों ने पांचों आतंकवादियों को मार गिराया था.
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