श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर इलाहबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद के एएसआई सर्वे को मंजूरी दे दी है।
मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में विवादित परिसर का सर्वे एडवोकेट कमिश्नर के जरिए कराए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर फैसला सुनाया गया। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए शाही ईदगाह मस्जिद के एएसआई सर्वे की मंजूरी दे दी।
अदालत अब 18 दिसंबर को यह फैसला करेगी कि कोर्ट कमिश्नर कौन होगा और आगे की कार्रवाई कैसे होगी।
दरअसल, हिन्दू पक्ष ने ज्ञानवापी की तर्ज पर कोर्ट कमिश्नर की जांच की मांग हाईकोर्ट से की। हिन्दू पक्ष का कहना है कि कोर्ट कमिश्नर की कार्रवाई से जमीन और मस्जिद की इमारत पर क्या-क्या है, इसकी जानकारी कोर्ट को होगी। ये जानकारी होने से भविष्य में विवाद को आसानी से निपटाया जा सकता है।
बता दें कि हिन्दू पक्ष ने मथुरा अदालत में सबसे पहले ये मांग उठाई थी। दिसंबर 2022 को मथुरा की अदालत ने अमीन सर्वे की मंजूरी दी थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष की ऊपरी अदालत में दाखिल आपत्ति के बाद अमीन सर्वे नहीं हो सका। लेकिन अब हाईकोर्ट ने मस्जिद के एएसआई सर्वे को मंजूरी दे दी है। तो वहीं अब इस आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है।
हिन्दू पक्ष ने 13।37 एकड़ जमीन के स्वामित्व की मांग को लेकर मथुरा कोर्ट में याचिका दायर की थी। मथुरा की कोर्ट ने दिसंबर 2022 को अमीन सर्वे का आदेश दिया। मथुरा की कोर्ट ने अमीन पर 20 जनवरी तक जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था, मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश को ऊपर की अदालत में चुनौती दी।
हिन्दू पक्ष का दावा है कि मस्ज़िद 17वीं शताब्दी में मंदिर तोड़कर बनाई गई। प्रमाण के तौर पर मस्जिद की दीवारों पर कमल के फूल और शेषनाग की आकृति है, जो बताती है कि मस्जिद मंदिर के ऊपर बनाई गई।
कृष्ण जन्मभूमि और शाही मस्ज़िद विवाद में कुल 18 मामले हैं, जिनकी अब हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
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