दिल्ली में पुलिस की स्पेशल सेल ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में 2 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस को संदेह है कि इन दोनों आरोपियों का मुख्य आरोपी से कोई संबंध है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान महेश और कैलाश के रूप में हुई है। फिलहाल, स्पेशल सेल इन दोनों आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है। इस बात की जानकारी दिल्ली पुलिस की ओर से दी गई है। संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले मास्टरमाइंड ललित झा ने दिल्ली पुलिस के सामने खुद सरेंडर किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में पांचवें आरोपी और मास्टरमाइंड ललित झा ने राजस्थान के कुचामन भागने के बाद अपने दोस्त महेश के साथ अपने कई साथियों के मोबाइल फोन भी जला दिए थे।
दरअसल, ललित के साथियों ने ही उसे अपने मोबाइल सौंपे थे, ताकि आगे जांच में पुलिस को सबूत न मिल सके। हालांकि हालांकि, दिल्ली पुलिस झा के सभी दावों की पुष्टि कर रही है। झा भी संसद के बाहर मौजूद था और उसने इसे प्रचारित करने के इरादे से अपने दो साथियों का वीडियो बनाया। कुचामन में झा की मुलाकात उसके दोस्त महेश से हुई, जिसने उसे रात के लिए एक कमरा दिलवाया। उन दोनों की मुलाकात फेसबुक के जरिए हुई थी, जैसा कि झा ने पूछताछ के दौरान बताया।
बता दें कि ललित झा की गिरफ्तारी से पहले तकनीकी निगरानी की मदद से पुलिस ने सबसे पहले महेश के चचेरे भाई कैलाश को हिरासत में लिया। चचेरे भाई कैलाश ने पुलिस को बताया कि महेश और ललित दिल्ली गए थे। बाद में जब झा वापस आये तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली पुलिस के अनुसार, ललित झा खुद ही थाने आया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ शुरू कर दी।
तो वहीं दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गिरफ्तार सभी चार आरोपियों को सात दिन की हिरासत में भेज दिया। दिल्ली पुलिस के अनुसार आरोपियों ने लखनऊ से विशेष जूते और मुंबई से कनस्तर खरीदे थे। पुलिस वकीलों ने आगे कहा कि आरोपी ने एक पर्चा ले रखा था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को एक लापता व्यक्ति घोषित किया गया था और कहा गया था कि जो व्यक्ति उन्हें ढूंढेगा उसे स्विस बैंक से पैसे दिए जाएंगे।
आरोपियों ने प्रधानमंत्री को घोषित अपराधी की तरह दिखाया। पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि उसने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी और यूएपीए अधिनियम की कड़ी 16 (आतंकवाद) और 18 (आतंकवाद की साजिश) की धाराएं भी जोड़ी थीं।
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