वाराणसी: कोयला व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण एवं हत्या के बाद उनके भाई महावीर प्रसाद रूंगटा को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज उज्ज्वल उपाध्याय ने शुक्रवार को माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई. मुख्तार अंसारी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
बता दें, पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद है. इस चर्चित प्रकरण में पिछले तिथि पर ही बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने 15 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. उल्लेखनीय है कि भेलूपुर थाना क्षेत्र के रविन्द्रपुरी कालोनी निवासी कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा का 22 जनवरी 1997 को अपहरण कर लिया गया था. इस अपहरण कांड की विवेचना पुलिस कर रही थी. इस बीच पांच नवंबर 1997 को नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को फोन पर धमकी दी गई कि अपहरण कांड में पुलिस अथवा सीबीआई में पैरवी न करें, नहीं तो उन्हें बम से उड़ा दिया जाएगा.
महावीर प्रसाद की तहरीर पर एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया था. विवेचना के बाद पुलिस ने धमकी मामले में मुख्तार के खिलाफ उसी समय आरोप पत्र दाखिल किया. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से महावीर प्रसाद समेत छह गवाहों का बयान दर्ज किया गया था. नंद किशोर रुंगटा के अपहरण के मामले में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 27 जून 2000 को फैसला सुनाते हुए माफिया मुख्तार अंसारी समेत छह आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया था. तो वहीं अब एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 5 साल जेल की सजा सुना दी है.
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