आंध्र प्रदेश में क्रिश्चियन कन्वर्जन एक बड़ा मुद्दा रहा है. राज्य से आए दिन किसी न किसी हिन्दू व्यक्ति के इस्लामिक या क्रिश्चियन कन्वर्जन की खबरें अखबार की सुर्खियां बनी रहती हैं. इसी क्रम में ताजा मामला आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले का है, जहां पर कभी इस्लाइयों द्वारा बहला-फुसलाकर ईसाई कन्वर्जन के शिकार हुए दो परिवारों ने वापस से सनातन धर्म में घर वापसी कर ली.
रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना अनंतपुर जिले के कुरकुला थोटा गांव की बताई जा रही है. गांव में कुल 150 परिवार निवास करते हैं. इनमें से ज्यादातर हिन्दू परिवार हैं, लेकिन यहीं पर दो ईसाई परिवार भी रहते हैं. कभी इनका क्रिश्चियन कन्वर्जन करवा दिया गया था. इस कारण से ये भी काफी लंबे अरसे से वापस अपनी जड़ सनातन की ओर लौटना चाह रहे थे. इसी बीच सनातन धर्म के लिए काम करने वाली एक संस्था के लोगों से इनकी मुलाकात होती है.
काफी चर्चा के बाद गांव के बड़े बुजुर्गों से सलाह ली गई और इन दोनों परिवारों ने वापस से हिन्दू धर्म में घर वापसी करने का निर्णय लिया. हिन्दू संगठ की ओर से इसके लिए गांव में ही स्थित केचम्मा देवस्थानम मंदिर में एक भजन पूजा और यज्ञ के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर सनातन वैदिक परंपरा के अनुसार दोनों ईसाई परिवारों ने सनातन धर्म में घर वापसी की. इस कार्यक्रम में 100-150 लोग शामिल हुए.
खास बात ये है कि घर वापसी के बाद गांव के बाहर गांव के लोगों ने एक बोर्ड तेलुगु भाषा में लगा दिया कि ये गांव हिन्दुओं का गांव हैं. यहां पर दूसरे पंथों और बुत परस्ती का प्रचार प्रसार करना प्रतिबंधित है. इसके साथ ही गांव के लोगों ने टीटीडी देवस्थानम बोर्ड से गांव में हनुमान जी का एक मंदिर बनवाने का अनुरोध किया है.
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