इस्लामाबाद: गुजरता साल पाकिस्तान को गहरे जख्म देते हुए तेजी के साथ नए साल की ओर बढ़ रहा है. पूरे साल आतंकवादी खूनखराबा करते रहे. अधिकांश आत्मघाती हमलों में सुरक्षाबल ही निशाने पर रहे. यह निष्कर्ष पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट ऐंड सिक्योरिटी स्टडीज (पीआईसीएसएस) का है.
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डान ने पीआईसीएसएस के आंकड़ों के हवाले से जारी रिपोर्ट में आतंकवादी घटनाओं का विश्लेषण किया है. डान के अनुसार 2023 में आत्मघाती हमलों चिंताजनक वृद्धि हुई है. 29 आत्मघाती हमलों में 329 लोगों की जान गई और 582 लोग घायल हुए. मृतकों में सुरक्षाबल के अफसर और जवानों का आंकड़ा 48 प्रतिशत है.
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान करीब एक दशक से आतंकवाद का सामना कर रहा है. 2013 में 47 आत्मघाती बम विस्फोटों में 683 लोगों की जान चली गई थी. इस साल सबसे ज्यादा खूनखराबा खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुआ. 23 बम विस्फोट हुए। इनमें 254 लोग मारे गए और 512 घायल हुए.
फाटा में हुए 13 आत्मघाती हमलों में 85 लोग मारे गए और 206 घायल हुए. बलूचिस्तान को पांच हमलों का सामना करना पड़ा. इनमें 67 लोग मारे गए. सिंध में एक आत्मघाती हमला हुआ. इस हमले में आठ लोगों की जान गई. पीआईसीएसएस का कहना है कि आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर ज्यादातर हमले किए. पिछले साल आतंकवादियों के 15 हमलों में 101जवानों की जान गई.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार
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