नया साल नई उम्मीदें लेकर आता है तो बीता हुआ साल बहुत सीख देकर जाता है. एक तरफ जहां नये साल के स्वागत के लिए पूरी दुनिया तैयार है, ऐसे में नए साल का स्वागत करने से पहले हमारे लिए ये जनना बेहद जरूरी हो जाता है कि बीता साल हमरे लिए क्या सीख देखर गया है. तो चलिए एक नजर डालते है पिछले साल सुर्खिया बटोरने वाली कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण घटनाओं पर…
ये तो बिलकुल साफ है कि बीता साल यानी 2023 वैश्विक राजनीतिक हालात के लिहाज से चुनौतियों से भरा एक कठिन साल रहा. दुनिया मनचाही व्यवस्था बनाने की कोशिश में थोड़ी ज्यादा अव्यवस्थित हुई. अहंकार और भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा इस हद तक बढ़ गई कि प्रतिद्वंद्वी राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुई बैठकें दुनिया के अखबारों के लिए पहले पन्ने की खबर तो बनी हालाकि इससे कुछ भी हासिल नहीं हो पाया. कुल मिलाकर, कुछ अच्छी खबरों के साथ ढेर सारी एसी खबरें जिसने मानवता को झकझोर कर रख दिया. यहां हम बात करेंगे 2023 में घटित दुनिया की शीर्ष घटनाओं की, जिनसे पैदा हुए बड़े सवालों का हल हमें साल 2024 में भी ढूंढना होगा…
धरती को चीरता ग्लोबल वार्मिंग
इस वर्ष ग्लोबल वार्मिंग की एक डराने वाली तस्वीर देखने को मिली. विश्व भर के देशों में तापमान ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिये. जलवायु परिवर्तन अब भविष्य का खतरा नहीं बल्कि एक नई सच्चाई बन चुका है. साल 2023 संभवतः रिकॉर्ड स्तर पर सबसे गर्म वर्ष रहा. कुछ दावों ने यहां तक कहा कि 125,000 वर्षों में वैश्विक तापमान इतना अधिक नहीं रहा है. दुनिया के अलग-अलग इलाकों में लोगों ने सूखा और बाढ़ की अभूतपूर्व स्थितियों का सामना किया. इन मौसमी घटनाओं के कारण मौसमी संबंधी शब्दकोश में एक नया शब्द युग्म ‘वेट बल्ब टेंपप्रेचर’ शामिल किया गया. दुनिया ने पहली बार जाना कि उच्च आर्द्रता के साथ उच्च तापमान मौत का कारण बन सकता है. इस आपदा के कारण स्वच्छ ऊर्जा में कुल निवेश बढ़ गया है. हाइड्रोजन को स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने के उद्देश्य से पहला व्यावसायिक उद्यम शुरू हो रहा है.
भूकंप से कांपती तुर्की और सीरिया की धर्ती और विनाश
फरवरी के महिने में, तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप आया. पहला भूकंप, जिसकी तीव्रता 7.8 थी, दुसरा 7.5 तीव्रता का था, जिसके साथ कई तेज झटके आए, और कई इमारतें खंडहर में बदल गईं. विनाशकारी भुकंप ने तुर्की के 59,000 और सीरिया के 8,000 लोगों को अपने अंदर दफन कर लिया.
खंडहर बनता गाजा शहर
जहां पूरी दुनिया को ये लग रहा था कि अब्राहम समझौते से इजरायल और अरब देशों के बीच संबंध गहरे हुए. और सऊदी अरब जल्द ही इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर सकता है. तो वहीं साल 2023 अपने गर्भ में कुछ और पाले हुए था. 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर मिसाइल हमला कर दिया. यह इजरायल के ऊपर बीते कुछ दशकों में हुआ सबसे बड़ा हमला था. इसमें लगभग 1,200 इजरायली मारे गए. हमास ने करीब 240 लोगों को बंधक बना लिया गया. इसकी प्रतिक्रिया निश्चित थी. इजरायल ने हवाई हमलों से शुरुआत की और फिर दोनों पक्षों की लड़ाई से उपजे युद्ध से उत्तरी गाजा पर मातम छा गया और युक्रेन की तरह ही गांजा भी खंडहर में तब्दील हो गया.
कहां रुकेगा रूस-यूक्रेन युद्ध?
अब अगर पिछे मुड़कर देखें तो साल 2023 की शुरुआत में दुनिया भर के राजनीतिक विशेषज्ञों के सामने एक ही सवाल था. रूस यूक्रेन युद्ध किस दिशा में जायेगा. साल 2024 आने वाला है लेकिन यह सवाल जस का तस है. रूस तो यूक्रेन पर कब्जा करने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया लेकिन यूक्रेन भी रूस को कोई ऐसा बड़ा झटका देने में कामयाब नहीं हो पाया जिसका उल्लेख किया जाये. अगर कुछ उल्लेखनीय है तो वो है युद्ध में मारे जाने वाले सैनिकों और आम नागरिकों की संख्या. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 24 सितंबर 2023 तक इस युद्ध में 9,701 नागरिक मारे गए हालांकि खुद संयुक्त राष्ट्र ने भी माना कि वास्तविक संख्या इससे अधिक है. बहरहाल अब तो युद्ध जीतने वाले से ज्यादा हारने वाले पर निर्भर करता है. इसका मतलब ये है कि रूस और यूक्रेन में जो भी इस युद्ध को जितना अधिक लंबा खींच पायेगा जीत भी उसी की होगी.
राजनीतिक और आर्थिक कोशिशों की हवा निकालता गुब्बारा
‘हम कि ठहरे अजनबी इतनी मुदारातों के बाद, फिर बनेंगे आश्ना कितनी मुलाकातों के बाद…’ ये शायरी है फैज अहमद फैज की. इसका जिक्र इसलिए है क्योंकि बात करें अगर अमेरिका और चीन की,तो कुछ मुलाकातों के बाद भी हालात वहीं के वहीं हैं. साल 2023 की शुरुआत में दोनों देशों के बीच तनाव कम होता दिख रहा था. पहले नवंबर में, जो बाइडेन और शी जिनपिंग के बीच बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर एक सार्थक बैठक के बाद दोनों देशों की बढ़ती तनावपूर्ण भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता पर एक पुल बनाने के लिए राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन फरवरी में बीजिंग का दौरा करने वाले थे. लेकिन अमेरिका के ऊपर एक चीनी निगरानी गुब्बारा दिखाई दिया. इस गुब्बारे ने तमाम राजनीतिक और आर्थिक कोशिशों की हवा निकाल कर रख दी. अमेरिकी वायु सेना ने दक्षिण कैरोलिना के तट पर इसे मार गिराया. हालांकि बीजिंग ने जोर देकर कहा कि मौसम की निगरानी के दौरान गुब्बारा गलत तरीके से अमेरिकी सीमा में दाखिल हो गया. जाहिर तौर पर अमेरिका ने चीन के इस तर्क को कोई अहमियत नहीं दी और इसे एक जासूसी कार्रवाई घोषित किया. इस घटना से अमेरिका की राजनीतिक भावनाएं भड़क गईं. कह सकते हैं कि चीन और अमेरिका संबंध, अपनी ही रिंग में उलझे, वैश्विक राजनीति के दो बड़े रिंग मास्टर की कहानी है और अब देखने वाली बात होगी कि 2024 में कौन खेल को अपने हिसाब से चला पाता है.
टाइटन सबमरीन हादसा
18 जून, 2023 को 5 यात्रियों को ले जाता टाइटन नाम का सबमरीन, कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के तट के पास उत्तरी अटलांटिक महासागर में अंतरराष्ट्रीय जल में गायब हो गया.
AI: उन्नत भविष्य या बुरा सपना
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI जो वर्तमान में आया एक उन्नत भविष्य के रूप में इस आशंका के साथ कि क्या एआई मानव रचनात्मकता और समृद्धि का एक नया युग शुरू कर रहा है या यह एक पेंडोरा बॉक्स खोल रहा है जो एक बुरे सपने का भविष्य पैदा करेगा. पिछले साल चैटजीपीटी की लॉन्चिंग के साथ एआई लोगों की चेतना में छा गया. इससे तकनीक न केवल बेहतर हो गई बल्कि चैटजीपीटी का नवीनतम संस्करण कथित तौर पर अपने पूर्ववर्ती की तुलना में दस गुना अधिक उन्नत जान पड़ने लगा. आशावादियों ने बताया कि कैसे इसकी वजह से तेजी से दवाएं बन रही हैं. यह मुश्किल गणितीय समस्याओं को आसानी से हल करने में सक्षम रहा. जबकि एआई को लेकर सतर्क रहने वाले लोगों ने बेरोजगारी, सामाजिक असमानताओं, मानवता जैसे मुद्दों को उठाकर इसे खतरनाक बता रहें हैं
एआई के अग्रदूतों में से एक जेफ्री हिंटन ने एआई के खतरों के बारे में चेतावनी देने के लिए Google में अपनी नौकरी छोड़ दी. एलोन मस्क और स्टीव वोज्नियाक जैसे प्रौद्योगिकी नेताओं ने एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर करके चेतावनी दी कि एआई ‘समाज और मानवता के लिए गहरा खतरा’ है.
40वें ब्रिटिश सम्राट की ताजपोशी
लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में 6 मई 2023 को किंग चार्ल्स III ताजपोशी करने वाले 40वें ब्रिटिश सम्राट बने.
वैगनर ग्रुप विद्रोह और समझौता
23 जून में एक रूसी सरकार की ओर से वित्त पोषित अर्धसैनिक और निजी सैन्य कंपनी वैगनर ग्रुप ने रूसी रक्षा मंत्रालय और वैगनर के तत्कालीन नेता, येवगेनी प्रिगोझिन के बीच बढ़ते तनाव के बाद विद्रोह किया. 24 जून 2023 को दोनों पक्षों के बीच इस संघर्ष को निपटाने के लिए एक समझौता हुआ.
कमेंट