कुश्ती महासंघ को लेकर चल रहे विवाद के बीच भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बुधवार (27 दिसंबर) को बड़ा निर्णय लिया है. आईओए ने तीन सदस्यीस एडहॉक कमेटी का गठन कर इसकी कमान भूपिंदर सिंह बाजवा को सौंप दी है. यानि फिलहाल एडहॉक कमेटी के चेयरमैन भूपिंदर सिंह बाजवा होंगे. इसके अलावा कमेटी में एमएम सौम्या और मंजुशा कुंवर को सदस्य बनाया गया है.
यह फैसला आईओए ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को निलंबित करने के तीन दिन बाद लिया गया है. दरअसल, केंद्रीय खेल मंत्रालय ने 24 दिसंबर को डब्ल्यूएफआई को सस्पेंड कर दिया था. इसके पीछे मंत्रालय ने कहा था कि नवनिर्वाचित संस्था ने प्रक्रिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की जल्दबाजी में घोषणा कर दी.
हाल ही में डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष संजय सिंह को चुना गया था. संजय सिंह को बृजभूषण सिंह का करीबी माना जाता है. बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन करने वालों में मुख्य चेहरा रहे और दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने विरोध किया था.
रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने संजय सिंह को चुने जाने के विरोध में 21 दिसंबर को कुश्ती छोड़ने की घोषणा की थी. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टेबल पर जूते रख भावुक होते हुए कहा था कि हमने दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का करीबी चुना गया है इसलिए मैं कुश्ती छोड़ती हूं.
वहीं बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए पद्मश्री लौटाने की घोषणा की घोषणा की. जबकि विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट ने 26 दिसंबर को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार पीएम मोदी को लौटाने का फैसला सार्वजनिक किया.
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