कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को दुकानों और दफ्तरों के सामने कन्नड़ नेमप्लेट लगाने को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बीते 27 दिसंबर को कर्नाटक रक्षणा वेदिके (नारायण गौड़ा गुट) के समर्थकों की ओर से काफी उपद्रव मचाया गया था. संगठन के कार्यकर्ताओं ने ऐसे दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ मचाई, जहां साइनबोर्ड, विज्ञापन और नाम पट्टी कन्नड़ भाषा में नहीं थीं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दुकानों और दफ्तरों के सामने कन्नड़ नेमप्लेट लगाने को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की. जिसमें बीबीएमपी और संस्कृति विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक के बाद सिद्धारमैया ने जानकारी देते हुए कहा कि मैंने कन्नड़ और संस्कृति विभाग के अधिकारियों से एक अध्यादेश लाने और 60 प्रतिशत कन्नड़ नेमप्लेट और 40 प्रतिशत अन्य भाषा में नेमप्लेट लागू करने के लिए कहा है, इसे अधिसूचित किया जाएगा और नियम बनाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने 28 फरवरी, 2024 से पहले कंपनियों, संगठनों और अन्य दुकानों से अपनी नेमप्लेट बदलने का निर्देश दिया है. वहीं, राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि कन्नड़ भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए पहले से ही एक अधिनियम मौजूद है. उन्होंने बताया कि अधिनियम की धारा 17, उप-धारा 6 में एक संशोधन की आवश्यकता है, जिसमें भाषा का प्रतिशत तय किया जाएगा.
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