पाकिस्तान में हिन्दू धार्मिक स्थलों के खिलाफ सरकार और कट्टरपंथियों का अभियान लगातार जारी है. अब पाकिस्तानी सेना के पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में शारदा मंदिर परिसर पर कब्जा किए जाने को लेकर शारदा बचाओ समिति (एसएससी) ने नारजगी जताई और शुक्रवार (29 दिसंबर) को पाकिस्तान सेना के अधिक्रमण को हटाने के लिए भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से मदद की मांग की है.
शारदा बचाओ समिति के संस्थापक रविंदर पंडिता ने बेंगलुरु के प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना ने शारदा मंदिर परिसर पर जबरन कब्जा किया हुआ है और यह तब है जब समिति के पक्ष में कोर्ट का आदेश आ चुका है, इसके वाबजूद भी वहां पर ‘कॉफी होम’ बनाया है. उन्होंने कहा कि शारदा बचाओ समिति ने भारत सरकार और पीएम नरेन्द्र मोदी से पाकिस्तानी सेना द्वारा हाल ही में शारदा पीठ परिसर में बनाए गए कॉफी होम को हटाने और कब्जा करने के मुद्दे को उठाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह तीन जनवरी, 2023 को पीओके के सुप्रीम कोर्ट को ऐतिहासिक आदेश के बावजूद है, जिसमें शारदा बचाओ समिति के पक्ष में फैसला सुनाया गया था.
शारदा बचाओ समिति के अध्यक्ष ने कहा कि पीओके में नागरिक समाज ने भी इस मुद्दे और बाउंड्री वॉल को हुए नुकसान के बारे में एसएससी के साथ मिलकर अपनी आवाज बुलंद की. उन्होंने मांग की कि श्रद्धालुओं के तीर्थयात्रा पर जाने के लिए शारदा पीठ को फिर से खोला जाए.
रविंदर पंडिता ने कहा कि अगर पाकिस्तान के अधिकारियों और उनकी सेना ने कॉफी होम को नहीं हटाया तो हम नियंत्रण रेखा (एलओसी) तक मार्च करने और उसे पार करने का आह्वान करेंगे. साथ ही उन्होंने सभी शारदा समर्थकों को इस मार्च के लिए तैयार रहने को कहा है. साथ ही रविंदर पंडिता ने शारदा पीठ को यूनेस्को हेरिटेज साइट घोषित करने की मांग की.
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