पटना: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शुक्रवार को जो कुछ भी हुआ उससे बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल के कयास लगाये जाने लगे हैं. नीतीश कुमार के राजनीति इतिहास को यदि खंगाला जाए तो इस कयास को पूरी होने की संभावना और बढ़ जायेगी. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि ढाई साल पूर्व जब आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाया गया था, तब यह कौन जानता था कि एनडीए के साथ सरकार चला रही जदयू एनडीए से अलग हो जायेगी.
ललन सिंह का अध्यक्ष पद छोड़ना कई सियासी कयासों का जन्म दे गया है. जदयू के अंदर सत्ता परिवर्तन होने के बाद अब राज्य का सत्ता समीकरण बदलने वाला है. जदयू के सत्ता परिवर्तन के बाद बिहार में सत्ता में जदयू के साथ शामिल राजद और भाजपा नेताओं के सुर भी बदलने लगे हैं. ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है कि नीतीश कुमार के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के साथ ही बार-बार नीतीश कुमार पर प्रहार करने वाली बिहार भाजपा के भी सुर और मिजाज बदले हुए हैं.
नीतीश कुमार को चेतावनी देने वाले बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से ललन सिंह के इस्तीफा देने के सवाल पर कहा कि यह जदयू का आंतरिक मामला है. भाजपा का इससे काई लेना देना नहीं है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जदयू का एक ही नेता है नीतिश कुमार, दूसरा और कोई नहीं. नीतीश कुमार ने कभी आरसीपी सिंह को तो कभी ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया.
ललन सिंह के अध्यक्ष पद से हटते ही शुक्रवार को राजद कार्यालय और जदयू कार्यालय के बदले माहौल भी सत्ता समीकरण की ओर इशारा करता रहा. राबड़ी आवास पर सन्नाटा पसरा रहा जबकि जदयू कार्यालय में पटाखे फूटे, मिठाईयां बंटी और नेताओं ने एक-दूसरे को गुलाल लगाये. नीतीश कुमार के जदयू अध्यक्ष बनते ही तेजस्वी यादव के तेवर भी बदले हुए दिखे. शुक्रवार को तेजस्वी के चेहरे पर उत्साह और चमक नहीं दिखी.
बिहार में सत्ता समीकरण बदलने के कयासों को इसलिए भी जोर मिल रहा है क्योंकि, जदयू के साथ सत्ता में शामिल राजद के मूड भी कुछ बदले-बदले से हैं. ललन सिंह के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष से हटने और नीतीश कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का जो बयान आया उसके भी कई राजनीति मायने निकाले जा रहे हैं. तेजस्वी यादव की जो प्रतिक्रिया आयी, उसमें वह ओज और उत्साह नहीं था जो अन्य दिनों में उनके साथ रहता है.
तेजस्वी ने नीतीश कुमार के जदयू अध्यक्ष बनने पर शुभकामनाएं तो दीं लेकिन उनके बोलने के लहजे में अंतर साफ दिखा. उन्होंने कहा कि हां बने हैं, अच्छी बात है. मैं उन्हें बधाई देता हूं. तेजस्वी ने कहा कि वह पहले भी जदयू अध्यक्ष रह चुके हैं. ललन सिंह के इस्तीफे के बाद तेजस्वी यादव ने विदेश दौरा रद्द कर दिया. वह 6 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के दौरे पर निकलने वाले थे. तेजस्वी का यह दौरा रद्द हो जाने से इस चर्चा को और भी शह मिलने लगा है कि ललन सिंह राजद को लाभ पहुंचाना चाहते थे. हालांकि, शनिवार को ललन सिंह उनपर लगाए हर आरोपों को खारिज करते हुए प्रेस बयान जारी किया और गलत खबर छापने वाले मीडिया हाउस पर एक्शन लेने की बात कही है.
ललन सिंह इस्तीफे के बाद जानकारों का मानना है कि अब महत्वपूर्ण यह नहीं कि ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को छोड़ दिया, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि इसका जो कारण अब तक सुर्खियों में रहा है और उनके साथ रहने वाले सत्ता दल और विपक्ष के बदले सुर के बाद बिहार में फिर नया सत्ता समीकरण बनेगा.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार/चंदा/चंद्र प्रकाश
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