बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार को जाति आधारित सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर आगे निर्णय लेने से इनकार कर दिया. हालांकि कोर्ट ने पब्लिक डोमेन में डाले गए आंकड़ों के विभाजन की सीमा पर भी सवाल उठाया और कहा कि जाति आधारित सर्वे के आंकड़े सार्वजनिक होने चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अगर कोई निकाले गए किसी विशेष निष्कर्ष को चुनौती देने को इच्छुक है तो वह उस डेटा प्राप्त करने में सक्षम होना चाहिए.”
कोर्ट ने कहा कि “सर्वेक्षण रिपोर्ट से ज्यादा मुझे इस बात की चिंता थी कि यह डेटा का विभाजन है, जो आम तौर पर जनता के लिए उपलब्ध नहीं कराया जाता है और इससे बहुत सारी समस्याएं पैदा होती हैं. एक बार आप सर्वेक्षण करने के हकदार हैं, लेकिन फिर डेटा के विश्लेषण को किस हद तक रोक सकते हैं.”
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पटना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. बीते 2 अगस्त, 2023 को हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के फैसले को बरकरार रखा था. वहीं अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी.
दरअसल बिहार के नालंदा के निवासी अखिलेश कुमार द्वारा याचिका दायर की गई थी, जिसमें यह तर्क दिया गया था कि राज्य सरकार द्वारा जाति की जनगणना करने के लिए जारी अधिसूचना संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है. याचिका में कहा गया था कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार, केवल केंद्र सरकार को जनगणना करने का अधिकार है. कोर्ट इसी मामले की सुनवाई कर रहा है.
गौरतलब है कि अक्टूबर, 2023 में बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक सिंह ने जाति सर्वे की रिपोर्ट आंशिक रूप से जारी किए थे. इसके अनुसार, बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15% है. पिछड़ा वर्ग की आबादी 27% से ज्यादा है, जबकि अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20% है. सरकार की ओर से कुल 214 जातियों के आंकड़े जारी किए गए हैं. रिपोर्ट में कुछ ऐसी जातियों का भी जिक्र है जिनकी कुल आबादी सौ से भी कम है.
इस रिपोर्ट में 214 जातियों के अलावा 215वें नंबर पर अन्य जातियों का भी जिक्र किया गया है. आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल आबादी 13,07,25,310 है. वहीं कुल सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 2,83,44,107 है. इसमें पुरुषों की कुल संख्या 6 करोड़ 41 लाख और महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख है. राज्य में प्रति 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं. बिहार में 81.99% यानी लगभग 82% हिंदू हैं. इस्लाम धर्म को मानने वालों की संख्या 17.7% है. बचे ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन या अन्य धर्म मानने वालों की संख्या 1% से भी कम है. जबकि राज्य के 2146 लोगों ने अपना कोई धर्म नहीं बताया.
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