भारतीय कुश्ती महांसघ (WFI) को निलंबित करने को लेकर बुधवार (3 जनवरी) को अब एक नया मोड़ सामने आया है. WFI को निलंबित करने को लेकर जूनियर पहलवानों ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. प्रदर्शनकारी पहलवानों अपनी मांग न पूरा होने की स्थिति में अपने अवर्ड वापिस करने को कहा है.
प्रदर्शनकारी पहलवानों का कहना है कि कुश्ती महासंघ का निलंबन दस दिन में वापस नहीं होता है तो वो अपना अर्जुन अवॉर्ड जैसे पुरस्कार वापिस कर देंगे. जूनियर पहलवानों ने कहा कि डब्ल्यूएफआई के निलंबन से उनका एक साल खराब हो रहा है. इन पहलवानों ने इसके लिए बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन करने वालों में मुख्य चेहरा रहे दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को जिम्मेदार ठहराया.
दरअसल, हाल ही में डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद पर पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह को चुना गया था. इसको लेकर पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने मोर्चा खोल दिया था. इसके बाद संजय सिंह के चुने जान के तुरंत बाद राष्ट्रीय अंडर 15 और अंडर 20 चैम्पियनशिप कराने का फैसला किया गया. फिर खेल मंत्रालय ने महासंघ को निलंबित कर दिया और ये टूर्नामेंट भी रद्द हो गया.
गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती महांसघ का चीफ संजय सिंह के चुने जाने के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से सन्यांस लेने का ऐलान किया था. वहीं विनेश फोगाट ने भी मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड वापस करने की घोषणा की है. उधर बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को लेटर लिखते हुए पद्मश्री वापस करने को कहा था. पूनिया जब पद्मश्री को पीएम से मिलकर उन्हें लौटाने जा रहे थे तो उन्हें पुलिस ने रोक लिया था, जिसके बाद उन्होंने फुटपाथ पर ही अपने अवर्ड को रख दिया था.
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