राशन घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED)की कार्रवाई लगातार जारी है. इसी सिलसिले में ईडी की टीम शुक्रवार को छापेमारी करने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली गांव पहुंची थी, जहां पूरी टीम को ग्रामीणों की भीड़ ने घेर कर उन पर हमला कर दिया. तो वहीं केंद्रीय सुरक्षाबलों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की. बता दे कि ईडी के अधिकारियों पर ग्रामीणों का हमला उस समय हुआ, जब ईडी की टीम टीएमसी नेता एसके शाहजहां शेख के घर छापेमारी करने पहुंची थी.
दरअसल पश्चिम बंगाल में ईडी और सीबीआई कई घोटालों की जांच कर रही है. हालांकि, केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों के साथ इस तरह की घटना कोई पहली बार नहीं है. अधिकारियों के साथ पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं.
वर्ष 2019 में बंगाल पुलिस और सीबीआई के अधिकारियों के बीच इसी तरह का टकराव देखने को मिला था. उस समय सीबीआई की टीम वर्तमान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) से पूछताछ करने पहुंची थी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें अस्थायी रूप से हिरासत में ले लिया था. हालांकि, इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र और बीजेपी पर जमकर हमला बोला था. इस दौरान उन्होंने संविधान को बचाने का हवाला देते हुए रात भर धरना भी दिया था.
मालूम हो कि शारदा चिटफंड घोटाले मामले में सीबीआई के अधिकारी उस समय के बंगाल पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने कोलकाता पहुंचे थे. हालांकि, बंगाल पुलिस के अधिकारियों ने सीबीआई की टीम को राजीव कुमार के घर में दाखिल होने नहीं दिया था और उन्हें अपने साथ शेक्सपियर सारणी थाने ले गई थी. कोलकाता पुलिस ने इस मामले में दावा करते हुए कहा था कि सीबीआई की टीम राजीव कुमार से बिना किसी वॉरंट के पूछताछ करने आई थी. सीएम ममता को इस बारे में जब खबर लगी कि सीबीआई की टीम कोलकाता राजीव कुमार से पूछताछ करने आई है, तो ममता राजीव कुमार के आवास पर पहुंच गईं.
वहीं, इस पूरे घटनाक्रम को सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र का संविधान पर हमला करार दिया था. मामते ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा था कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों को अपने इशारे पर नचा रही है. सीबीआई के अधिकारियों के कोलकाता पहुंचने के बाद ममता ने कोलकाता के धर्मतल्ला में रातभर धरना दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि यह एक सत्याग्रह है और मैं देश बचाने तक इसे जारी रखूंगी. उन्होंने आगे कहा था कि हमें न्यायपालिका, मीडिया और लोगों पर पूरा भरोसा है… अगर वे राष्ट्रपति शासन लगाना चाहते हैं, तो हम इसके लिए तैयार हैं.
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