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अयोध्या से सनातन का भव्य सूर्योदय

आज संपूर्ण विश्व के राम भक्त अयोध्या आकर प्रभु श्रीराम के दर्शन करने के लिए आतुर हो रहे हैं. अब अयोध्या वैश्विक जगत में आध्यात्मिक नक्षत्र के रूप में उभरने जा रही है. यही कारण है कि आज सम्पूर्ण विश्व में जहां-जहां सनातन हिंदू संस्कृति का परिपालन करने वाला हर राम भक्त उपस्थित है, वह 22 जनवरी के शुभ मुहूर्त की उसी प्रकार से प्रतीक्षा कर रहे हैं जैसे कि प्रभु श्रीराम के भाई भरत ने श्री राम के वनवास से लौटने के लिए किया था. अक्षत कलश यात्रा के प्रारम्भ होने के साथ ही अब उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है. चाय-पान की नुक्कड़ की दुकानों तक में 22 जनवरी की तैयारियों पर चर्चा हो रही है.

मृत्युंजय दीक्षित by मृत्युंजय दीक्षित
Jan 6, 2024, 02:09 pm IST
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पांच सौ वर्ष के सतत संघर्ष और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद विकृत व दूषित मनोवृत्ति की राजनीति के कारण सर्दी, गर्मी व बरसात में भी फटे टेंट में सब प्रकार के कष्ट झेलने वाले राम लला अब अपने दिव्य एवं भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित होने जा रहे हैं. जैसे-जैसे प्राण प्रतिष्ठा की तिथि (22 जनवरी 2024) निकट आ रही है भारत के पूर्वी से पश्चिमी और उत्तर से दक्षिणी छोर तक समस्त सनातनी रामभक्तों का उत्साह भी बढ़ता जा रहा है. सभी प्रभु श्रीरामलला के आगमन के आनन्दोत्सव में डूबना चाह रहे हैं. यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी विगत अयोध्या यात्रा में रामभक्तों के मन में भी धैर्य का भाव जगाना पड़ा. उन्होंने 30 दिसंबर को अयोध्या की भूमि से सम्पूर्ण भारत को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर के लिए 500 वर्षों से भी अधिक समय से प्रतीक्षा की है और संघर्ष किया है और अब बस कुछ दिन ही और धैर्य रखना है.

प्रधानमंत्री मोदी ने 22 जनवरी को अपने-अपने घरों में राम ज्योति जलाने व दीपावली मनाने का आह्वान भी किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि हर किसी की प्राण प्रतिष्ठा में सम्मिलित होने की इच्छा है लेकिन ऐसा संभव नहीं है. उन्होंने देश के सभी राम भक्तों से प्रार्थना की कि वे 22 जनवरी को विधि-विधान से कार्यक्रम संपन्न हो जाने के बाद 23 जनवरी के बाद अपनी सुविधानुसार अयोध्या आयें. इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने भव्य रोड शो निकाला. अत्याधुनिक महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट और अयोध्याधाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया, उत्सव के वातावरण में वंदे भारत व अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर अयोध्या के विकास पथ का भव्य श्रीगणेश किया. 2014 के पूर्व भारत की धर्मप्राण जनता ने सपने में भी नहीं सोचा था कि अयोध्या में इतना दिव्य एवं भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा या फिर कोई प्रधानमंत्री अयोध्या को विश्व की सर्वश्रेष्ठ नगरी बनाने का कार्य करेगा क्योंकि एक समय था जब देश का कोई भी नेता अयोध्या का नाम तक लेने से हिचकता था. अब समय बदल चुका है और अयोध्या, काशी और मथुरा सहित सनातन के सभी आस्था केन्द्रों का व्यापक दृष्टिकोण से विकास हो रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी में महारानी अहिल्याबाई होल्कर व महाराज विक्रमादित्य की छवि स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रही है, क्योंकि इन दोनों ही महान विभूतियों ने हिंदू मंदिरों का जीर्णेद्धार करवाया था और प्रधानमंत्री मोदी भी उन्हीं का कार्य आगे बढ़ा रहे हैं. लगभग दो हजार वर्ष पूर्व महाराज विक्रमादित्य ने रामनगरी को संवारा था, उसके पश्चात् महारानी अहिल्याबाई होलकर ने और अब 1528 में बाबर के सेनापति के अयोध्या विध्वंस के बाद आधुनिक विक्रमादित्य रूपी प्रधानमंत्री मोदी के हाथों अयोध्या का कायाकल्प हो रहा है. प्रधानमंत्री ने जिस एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया है वह भी बाहर से मंदिर और अंदर से भव्यता का पर्याय है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी अयोध्या यात्रा के माध्यम से धर्मपथ से होते हुए राजपथ को थाम लिया है. प्रधानमंत्री अपने चिर परिचित अंदाज में सरकारी योजनाओं की एक लाभार्थी मीरा मांझी के घर पहुंच गये. उनके परिजनों का हालचाल पूछा. साथ ही मीरा के हाथों बनाई चाय को पीकर सभी को अचंभित कर दिया. मीरा उज्जवला योजना की दस करोड़वीं लाभार्थी होने के साथ एक निषाद परिवार से हैं.

यह एक कटु सत्य है कि 2014 और फिर 2017 से पूर्व वर्तमान अयोध्या की कल्पना किसी ने भी नहीं की थी. हवाई अड्डा, इतना बड़ा और सुविधा संपन्न रेलवे स्टेशन, रामपथ-धर्मपथ-भक्तिपथ जैसे मार्ग कल्पनामात्र ही थे. सूर्यस्तंभ की तो किसी ने कल्पना तक नहीं की थी. अब प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ये सभी कल्पनाएं साकार हो रही हैं. मुख्यमंत्री का कहना है कि आगामी दस वर्षों में अकेले अयोध्या में ही 80 हजार करोड़ से अधिक विकास कार्य संपन्न कराए जायेंगे. अयोध्या विश्व की सबसे विशाल सांस्कृतिक राजधानी बनने की ओर अग्रसर हो रही है. चार ऐतिहासिक प्रवेशद्वारों के संरक्षण एवं सुंदरीकरण योजना के मूर्तरूप लेने के बाद अयोध्या और भी अधिक शोभायमान हो जाएगी. सरयू नदी पर राम की पैड़ी से राजघाट तक राजघाट से भगवान श्रीराम के मंदिर तक श्रद्धालु भ्रमण पथ का सुदृढ़ीकरण एवं जीर्णोद्धार पूर्ण होने के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की राह और भी अधिक सुगम होगी. अतः इस बात में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि 22 जनवरी 2024 के बाद आने वाला समय अयोध्या का है. सनातन संस्कृति के उत्थान का है.

आज संपूर्ण विश्व के राम भक्त अयोध्या आकर प्रभु श्रीराम के दर्शन करने के लिए आतुर हो रहे हैं. सभी रामभक्त कम से कम एक बार वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों में बैठकर प्रभु श्रीराम के दर्शन करने के लिए आना चाह रहे हैं. महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट को देखने के लिए निकटवर्ती गोंडा, सुलतानपुर व अंबेडकरनगर लोग केवल एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन देखने के लिए भारी संख्या में अयोध्या पहुंच रहे हैं और सेल्फी का आनंद उठा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आगामी दिनों में एयरपोर्ट में अभी 10 लाख यात्री प्रतिवर्ष आयेंगे लेकिन जब यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां पर प्रतिवर्ष 60 लाख यात्री आयेंगे वहीं अयोध्या धाम का स्टेशन सपूंर्ण हो जाने के बाद प्रतिदिन 60 हजार यात्री आयेंगे.

अब अयोध्या वैश्विक जगत में आध्यात्मिक नक्षत्र के रूप में उभरने जा रही है. यही कारण है कि आज सम्पूर्ण विश्व में जहां-जहां सनातन हिंदू संस्कृति का परिपालन करने वाला एक भी राम भक्त उपस्थित है, वह 22 जनवरी के शुभ मुहूर्त की उसी प्रकार से प्रतीक्षा कर रहे हैं जैसे कि प्रभु श्रीराम के भाई भरत ने श्री राम के वनवास से लौटने के लिए किया था. अक्षत कलश यात्रा के प्रारम्भ होने के साथ ही अब उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है. चाय-पान की नुक्कड़ की दुकानों तक में 22 जनवरी की तैयारियों पर चर्चा हो रही है.

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं.)

साभार- हिन्दुस्थान समाचार

Tags: AyodhyaSanatan DharmAyodhya Ram Mandir
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