बंगाल में 24 घंटे के भीतर ही एक बार फिर ईडी पर हमला हुआ. राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में ईडी द्वारा कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले में शुक्रवार(5 जनवरी) देर रात बनगांव नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन तथा टीएमसी नेता शंकर आद्या को गिरफ्तार कर ले जाने के दौरान यह घटना हुई.
ईडी के अधिकारी जब तृणमूल नेता को गिरफ्तार कर के ले जा रहे थे, तब तृणमूल नेता के समर्थकों ने केंद्रीय एजेंसी के वाहनों पर पथराव किया तथा तोड़फोड़ की. तो वहीं महिलाओं को सामने रखकर भारी विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
इसके पहले कल जिले के संदेशखाली में तृणमूल नेता शाहजहां शेख के घर पर छापा मारने पहुंची ईडी की टीम पर उनके समर्थकों ने जानलेवा हमला किया था. इस घटना में केंद्रीय एजेंसी के तीन अधिकारी गंभीर रूप से घायल हुए. केंद्रीय एजेंसी ने कहा है कि बनगांव में संदेशखाली की तरह ही सुनियोजित तरीके से हमला किया गया है. अगर केंद्रीय बल के जवान सतर्क नहीं रहते तो, उसके अधिकारी दोबारा जानलेवा हमले का शिकार हो जाते.
आपको बता दें संदेशखाली की घटना में केंद्रीय एजेंसी ने शनिवार को विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि टीएमसी नेता के उकसावे पर हत्या करने के उद्देश्य से उसके अधिकारियों पर हमला किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय ने डीजीपी और एसपी को हमले के फुटेज के साथ ईमेल से शिकायत की है.
पुलिस ने संदेशखाली हमले के मामले में तीन FIR दर्ज की है. पुलिस ने इस घटना में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया है. कई लोगों को हिरासत में लिया है. वहीं, दूसरी ओर टीएमसी नेता शाहजहां शेख के केयरटेकर की ओर से केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि केंद्रीय एजेंसी ने बिना वारंट के यह तलाशी अभियान चलाया था.
इधर, ईडी ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है. वहीं, हमले की घटनाओं के मद्देनजर कोलकाता में ईडी कार्यालय की सुरक्षा बढ़ाई गई है. ईडी ने शुक्रवार देर रात 17 घंटे की पूछताछ के बाद टीएमसी नेता शंकर आद्या को गिरफ्तार किया. केंद्रीय एजेंसी सूत्रों के अनुसार, टीएमसी नेता के घर से 8.30 लाख रुपये नकदी बरामद की गई है. इसके अलावा, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो राशन घोटाले से जुड़े हुए हैं. ईडी सूत्रों से पता चला है कि टीएमसी नेता शंकर आद्या की फॉरेक्स कंपनी है, जिसके जरिए काली कमाई को सफेद किया जाता था. हवाला के जरिए रुपये का लेनदेन होता था. शंकर राशन घोटाले में गिरफ्तार मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का काफी करीबी बताया जा रहा है.
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