पिछले काफी समय से देश के कुछ राजनीतिक दलों से जुड़े नेता सनातन धर्म की आस्था राम, राममंदिर और रामायण पर लगातार शर्मनाक और अभद्र बोल, बोल रहे हैं. वोटों की राजनीति करने वाले ये नेता किस हद तक जा सकते हैं, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती. अभी चंद दिन पहले ही महाराष्ट्र में भगवान राम को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड का सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें भगवान राम को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया गया है. इस तरह की बयानबाजी से यह पता चलता है कि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले किस हद तक गिर सकते हैं. इस तरह की बयानबाजी के पीछे अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर इन नेताओं की बौखलाहट भी सामने आ रही है. पांच सौ वर्ष के सतत संघर्ष के बाद अब जाकर अयोध्या के राममंदिर में राम लला विराजमान होने जा रहे हैं. ऐसे में हिन्दू एकता को देख इन नेताओं की राजनीतिक जमीन पैरों तले खिसकती जा रही है. सनातन आस्था पर चोट पहुंचाने वाले एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड पहले व्यक्ति नहीं हैं, इससे पहले कई राजनीतिक दलों के नेता अपनी गिरी हुई सोच को दुनिया के सामने ला चुके हैं. तो आईए जानते हैं सनातन आस्था पर आघात करने वाले उन नेताओं के घटिया बयानों को जिनमें वोटबैंक की राजनीति साफ झलक रही है…
1- एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड
शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानि एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड का सोशल मीडिया पर 3 जनवरी 2024 को एक वीडियो सामने आया. इस वीडियो में जितेंद्र आव्हाड ने नासिक की रैली में भगवान राम को लेकर आपत्तिजनक और विवादित बयान दिया. वीडियो में एनसीपी नेता कह रहे हैं कि भगवान राम अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान जंगल में रहे. इस दौरान उन्होंने मांसाहारी भोजन किया.
2- बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव
राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव वोटों को राजनीति को लेकर किस हद तक गिर सकते हैं इसकी इन्होंने कई बार मिसाल पेश की है. सितंबर 2023 में इन्होंने रामचरितमानस की तुलना बेहद खतरनाक जहर पोटैशियम साइनाइड से की और कहा कि जब तक यह रहेगी, तब तक इसका विरोध करते रहेंगे. इससे पहले वे रामचरित मानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बता चुके हैं. इतना ही नहीं इससे कुछ समय पहले चंद्रशेखर ने इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ बताया था.
3- सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य हिन्दू धर्म, हिन्दू धर्म ग्रंथों और इससे जुड़े देवी-देवताओं पर अमर्यादित बयान देने में सबसे आगे रहते हैं. 22 जनवरी 2023 को स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस के खिलाफ विवादित बयान दिया. मौर्य ने हिन्दुओं के इस ग्रंथ को बकवास किताब बताते हुए बैन करने की मांग कर डाली और कहा कि रामचरित मानस तुलसीदास द्वारा अपनी खुशी के लिए लिखी गई किताब है. इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदुओं के प्रवित्र ग्रन्थ ‘श्रीरामचरित मानस’ के अलावा पूज्य स्थान ‘बद्रीनाथ’ के साथ दीपावली पर देवी लक्ष्मी पर भी अभद्र टिप्पणी कर चुके हैं. दरअसल जिस पार्टी से मौर्य जुड़े हैं उसका मुस्लिम तुष्टिकरण का पुराना इतिहास है, लिहाजा पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हर बार मौर्य के बयानों को उनका निजी बयान बताकर पल्ला झाड़ लेता है.
4- कांग्रेस नेता चतराराम देशबंधु
तुष्टिकरण की नीति को लेकर कांग्रेस का असली चेहरा उनके नेता लोगों को दिखा ही देते हैं. राजस्थान में कांग्रेस नेता चतराराम देशबंधु का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह भगवान राम पर विवादित टिप्पणी करते नजर आए. चतराराम ने कहा कि लोग बोलते हैं, मर्यादा पुरुषोतम श्री राम की जय, मैं तो बोलता हूं कि राम से घटिया दुनिया में कोई पैदा ही नहीं हुआ. कांग्रेस नेता चतराराम देशबंधु ने भगवान राम पर यह आपत्तिजनक टिप्पणी चित्तौड़गढ़ जिले में 18 अप्रैल 2022 को एक कार्यक्रम में की
5- जीतनराम मांझी
मार्च 2023 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भगवान राम को लेकर टिप्पणी की थी कि वे भगवान नहीं थे. मांझी ने रामचरितमानस को काल्पनिक बताया. मांझी ने कहा कि इनमें लिखी गई सारी बातें कल्पना के आधार पर हैं। जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि वे भगवान राम को नहीं मानते, क्योंकि उनका कोई अस्तित्व ही नहीं है. उन्होंने कहा कि भगवान राम काल्पनिक पात्र हैं, इसके अलावा उन्होंने रावण को भी काल्पनिक पात्र बताते हुए कहा कि रामचरितमानस में कई प्रकार की गलत बातें लिखी गई है जिसे हटाया जाना जरूरी है.
6- मणिशंकर अय्यर
भगवान राम पर विवादित बयान देने वालों में कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर का नाम भी है. जनवरी 2019 में एक कार्यक्रम में मणिशंकर अय्यर ने कहा था- लोग कहते हैं कि मंदिर वहीं बनाएंगे, जाइए बनाइए लेकिन कहां बनाएंगे, दशरथ बहुत बड़े राजा थे, उनके महल में 10 हजार कमरे थे. ये कैसे पता चलेगा कि भगवान राम का जन्म कहां हुआ था.
7- संजय निषाद
एक धर्म विशेष के लोगों के वोटों को लेने के लिये कोई किस हद तक गिर सकता है इसका एक उदाहरण हैं यूपी में निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद. इन्होंने एक धर्म विशेष के लोगों को खुश करने के लिए हिन्दू धर्म की पावन आस्था भगवान राम को बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ी. इन्होंने अपनी ओछी हरकतों को दर्शाते हुए नवंबर 2021 में भगवान राम के बारे में बोलते हुए कह दिया कि वे राजा दशरथ के बेटे ही नहीं थे. निषाद ने कहा कि भगवान राम राजा दशरथ के वास्तविक पुत्र नहीं थे, वे यज्ञ कराने वाले शृंगी ऋषि के बेटे थे, उनको दशरथ का कथित पुत्र कहा जा सकता है.
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