रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान विश्व का सबसे अनूठा अनुष्ठान होने वाला है. इसमें देश के चारों कोनों के आचार्य शामिल होंगे और आहुतियां डालेंगे. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कई जगहों से पूजन सामग्री भी लाई जा रही है.
इसी क्रम में काशी से इंडोनेशियन रुद्राक्ष माला व गोमुखी मंगाई जा रही है. इसी माला से प्राण प्रतिष्ठा में मंत्रों का जाप किया जाएगा. इस बारे में अयोध्या के एक आचार्य ने बताया कि 151 इंडोनेशियन रुद्राक्ष की माला काशी से आ रही है. साथ ही 151 गोमुखी भी आ रही है, जिसमें माला रखकर जप किया जाएगा. तो वहीं पूजा में इस्तेमाल के लिए 151 पान के पत्ते और एक हजार पान अतिथियों को बांटने के लिए वाराणसी से आ रहे हैं. सनातन में पान के पत्तों के बिना धार्मिक अनुष्ठान पूरे नहीं होते हैं. क्योंकि माना जाता है कि पान के अंदर और बाहरी हिस्से में भगवान विष्णु और भगवान शिव वास करते हैं. साथ ही पूजा थाल, लोटा, सिंहासन, पीतल के घंटे, हाथ की घंटी, कुश, छत्र, चंवर, पूजा, डोलची भी काशी से ही आ रही है. माला से लेकर सभी चीजें 15 जनवरी तक अयोध्या पहुंच जाएंगी.
वहीं श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अलीगढ़ के 80 मुस्लिम परिवारों ने अंशदान किया है. यह लोग 2018 में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए जंतर-मंतर पर हुए धरने में भी शामिल हुए थे, अब ये लोग 22 जनवरी के बाद अयोध्या में रामलला के दर्शन करने भी जाएंगे.
असके अलावा संस्कृति विभाग ने 14 जनवरी से लेकर आगामी एक महीने तक अयोध्या में आध्यामिक, धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना बनाई है. इसके तहत 1111 शंख वादन से रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है. देश के प्रमुख भजन और गीत गायक कई दिनों तक प्रस्तुतियां देकर अयोध्या के साथ-साथ पूरे देश को राममय बनाएंगे.
इस बीच प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों को परखने अयोध्या पहुंचे राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने रविवार को पूरा दिन निर्माण कार्यों की प्रगति देखी. इस दौरान निर्माणाधीन रामजन्मभूमि पथ का निरीक्षण किया. यात्री सुविधा केंद्र व बैगेज स्कैनर निर्माण की धीमी गति पर नाराज हुए और रामजन्मभूमि पथ पर लग रहे सुरक्षा उपकरणों को लगाने और अन्य कार्यों को सात दिन के भीतर पूरा करने की हिदायत भी दी. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए अब सभी तरह के निर्माण कार्य रात में किए जाएं. निरिक्षण करने के दौरान उन्होंनें ट्रस्ट के पदाधिकारियों और कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों के साथ बैठक भी की. उन्हें बताया गया कि रामजन्मभूमि पथ पर 35 सीसीटीवी कैमरे, बोलार्ड व बूम बैरियर लग गए हैं.
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि अस्थायी मंदिर में विराजमान रामलला 21 जनवरी को नए मंदिर पहुंच जाएंगे. इस दिन भक्तों को दर्शन नहीं मिल पाएगा. उन्होंनें बताया कि अचल मूर्ति को सोने के सिंहासन पर कमल के आसन पर प्रतिष्ठित किया जाएगा. इसके ठीक सामने सोने के सिंहासन पर विराजमान रामलला चारों भाइयों के साथ विराजमान होंगे. रोजाना दोनों मूर्तियों की पूजा होगी. जानकारी के अनुसार रामलला पंचकोसी परिक्रमा करेंगे. प्रमुख मंदिरों के दर्शन भी करेंगे. उन्हें विभिन्न नदियों के जल से स्नान कराया जाएगा. यह स्नान सरयू तट पर होगा या फिर मंदिर में, यह तय करना शेष है. मंदिर में पांच मंडप हैं. तीन मंडपों में साधु-संतों के बैठने की व्यवस्था होगी. दो मंडप में कुर्सियां लगाई जाएंगी.
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