अयोध्या: जैसे-जैसे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की घड़ी निकट आ रही है अयोध्या में उल्लास बढ़ता ही जा रहा है. इस समय सम्पूर्ण अयोध्या भक्तिमय हो चुकी है. राजा राम की ससुराल जनकपुर से उपहार में आये फल व मिठाइयों का वितरण कारसेवकपुरम की सीता रसोई में प्रतिदिन हो रहा है. यह उपहार जनकपुर के सभी घरों से आये हैं. मिथिला की परम्परा है कि बेटी के ससुराल में कोई नया निर्माण होता है तो मायके से उपहार जाता है. जनकपुरवासियों ने राम जी के लिए उपहार भेजकर अपनी परम्परा का निर्वाह करने के साथ-साथ सामाजिक समरसता का भी संदेश दिया है.
नेपाल से यह उपहार तीन ट्रकों में भरकर आये हैं. इनमें अनेक प्रकार की मिठाइयां व फल शामिल हैं। सीता रसोई में प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोग भोजन कर रहे हैं. भोजन के समय सबको वहां पर फल व मिठाई परोसी जा रही है. इसके अलावा कारसेवकपुरम के गेट समेत अयोध्या के छह स्थानों पर प्रतिदिन स्टाल लगाकर श्रद्धालुओं को फल व मिठाई बांटी जा रही है.
जनकपुर से आये रघुनाथ ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि मिथिला की परम्परा है कि बेटी के ससुराल में कोई नया निर्माण होता है तो मायके से भार जाता है, रामलला अपने दिव्य भवन में पधार रहे हैं. इस सुअवसर पर उनकी ससुराल ने इस परम्परा का निर्वहन किया है. रघुनाथ ने बताया कि सबसे महत्व की बात यह है कि जनकपुर के प्रत्येक परिवार ने वह चाहे जिस जाति बिरादरी के हों सबने रामजी के लिए उपहार भेजे हैं.
उन्होंने बताया कि राम जी के लिए चांदी का खड़ाऊं व धनुष बाण आया है. इसके अलावा सभी मौसम के अनुरूप पहनने के लिए कपड़े आये हैं. राम जी के लिए कोट, लेजर, ट्रैक सूट, इनर, बनियान व गर्मी के लिए ओवर कोट, कुर्ता, धोती व गमछा भी जनकपुरवासियों ने भेजा है. माता सीता के लिए सीता के लिए पीली धोती, लाल चुनरी, श्रंगार के सभी सामान, घर में प्रयुक्त होने वाले सभी बर्तन चांदी के मिले हैं. इसके अलावा गैस चूल्हा, सिलेण्डर, बेल्चा, कड़ाही समेत किचन व घर गृहस्थी के सारे सामान आये हैं. रघुनाथ बताते हैं कि जनकपुर से जब यात्रा प्रारम्भ हुई तो तीन हजार थाल थे. अयोध्या पहुंचते-पहुंचते उसकी संख्या पांच हजार हो गयी. इनमें 56 प्रकार की मिठाइयां, ड्राईफ्रूट और सभी प्रकार के फल शामिल हैं.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार
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