नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने यू-ट्यूबर पत्रकार श्याम मीरा सिंह को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के संबंध में अपलोड किए गए वीडियो को हटाने का आदेश दिया है. जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि श्याम मीरा सिंह चाहें तो डिस्क्लेमर लगाकर नया वीडियो अपलोड कर सकते हैं.
कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया श्याम मीरा सिंह की ओर से अपलोड किया गया वीडियो मानहानि वाला है. इसलिए इस वीडियो को हटाने का आदेश दिया जाता है. अगर श्याम मीरा सिंह नया वीडियो अपलोड करना चाहें तो डिस्क्लेमर लगाकर ट्रायल कोर्ट और दूसरे पत्रकार की किताब का जिक्र करें.
कोर्ट ने 8 जनवरी तक श्याम मीरा सिंह को चेतावनी दी थी कि अगर वे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की ओर से दायर मानहानि केस की कोर्ट कार्यवाही को लेकर ट्वीट करते रहे तो उनके खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा था कि कोर्ट की गरिमा होती है. आप कोर्ट को हल्के में नहीं ले सकते हैं. कोर्ट किसी को कुछ भी करने को मजबूर नहीं करती, बल्कि कानून के मुताबिक आदेश पारित करती है.
दरअसल, गुरमीत राम रहीम ने 17 दिसंबर 2023 को श्याम मीरा सिंह के यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो को लेकर मानहानि केस दायर की थी. वीडियो का शीर्षक था ‘गुरमीत राम रहीम ने अपने भक्तों को कैसे बेवकूफ बनाया?’ गुरमीत राम रहीम ने याचिका दायर कर कहा था कि श्याम मीरा सिंह ने अपने वीडियो में जो आरोप लगाए हैं वे प्रथम दृष्टया भ्रामक और मानहानिकारक हैं. याचिका में कहा गया था कि ये वीडियो जानबूझकर उस समय अपलोड किया गया है जब राम रहीम की अपील पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई होती है.
सुनवाई के दौरान श्याम मीरा सिंह की ओर से पेश वकील ने कहा था कि वे पत्रकार हैं उन्होंने जो वीडियो अपलोड किया था वो रिसर्च के आधार पर बनाया गया है. ये वीडियो एक दूसरे पत्रकार अनुराग त्रिपाठी की पुस्तक पर आधारित है, लेकिन राम रहीम ने अनुराग त्रिपाठी पर कोई केस नहीं किया. उन्होंने कहा था कि अगर हाई कोर्ट वीडियो को हटाने का आदेश देता है तो ये एक गलत नजीर बनेगी.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
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