संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके पांच सहयोगियों ने गुरुवार को यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमला किया. इन हवाई हमलों में हूती विद्रोहियों को बड़ा नुकसान हुआ है और उनके कई ठिकाने तबाह हो गए हैं. इस हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ सकता है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने इन हमलों की पुष्टि की है.
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी नेतृत्व वाले हवाई और नौसैनिक हमले नवंबर के बाद से लाल सागर में वाणिज्यिक शिपिंग के खिलाफ दो दर्जन से अधिक हमलों के जवाब में किए गए हैं. पिछले सप्ताह बाइडेन प्रशासन और कई अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों ने हूती विद्रोहियों को चेतावनी भी दी थी.
द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार रात कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और सहयोगी अपने कर्मियों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे. साथ ही दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक मार्गों में से एक में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उन्होंने चेतावनी दी है, “मैं अपने लोगों की सुरक्षा और आवश्यकतानुसार अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य के मुक्त प्रवाह के लिए और उपाय करने में संकोच नहीं करूंगा.” बताया गया है कि हूती ने इस चेतावनी की अनदेखी करते हुए गाजा में इजराइल के सैन्य अभियान के विरोध में हमले जारी रखने की कसम खाई है.
बाइडेन ने कहा कि 2,000 से अधिक जहाजों को लाल सागर में हमलों से बचने के लिए हजारों मील की दूरी तय करने के लिए मजबूर किया गया है, इससे कई हफ्तों की देरी हुई. मंगलवार को अमेरिकी और ब्रिटिश युद्धपोतों ने हूती के बड़े ड्रोन और मिसाइल हमले को रोक दिया.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
कमेंट