भारत में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों-शोरों से हो रही हैं. ज्योतिष गोवर्धन और श्रृंगेरी पीठ 4 प्रमुख मठ द्वारका हैं लेकिन तमिलनाडु स्थित कांची कामकोटि पीठ भी महापीठ का दावा करता है. इस मठ के शंकराचार्य विजयेंद्र ने बोले कि वह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही काशी स्थित अपने मठ में 40 दिनों का महा यज्ञ आयोजित करेंगे. इस यज्ञ में 100 से अधिक पुजारी शामिल होंगे.
दरअसल, विपक्षी नेताओं की तरफ से यह दावा किया गया है कि चारों पीठ के शंकराचार्य ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार किया है, इसी बीच कांची कामकोटि मठ के शंकराचार्य ने बड़ा ऐलान किया है. जानकारी के अनुसार, 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ इस यज्ञ भी आरंभ किया जाएगा, जो की अगले 40 दिनों तक चलेगे.
शंकराचार्य विजयेंद्र सारस्वत ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन काशी स्थित हमारे यज्ञशाला में 40 दिनों तक खास पूजा की जाएगी. नह बोले, “भगवान राम के आशीर्वाद से अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी. हमारे काशी स्थित यज्ञशाला में भी इस मौके पर 40 दिन की विशेष पूजा की जाएगी, जो कि राम मंदिर कार्यक्रम के साथ आरंभ होगी. पूजा वैदिक विद्वानों की मार्गदर्शन में होगी, इनमें लक्ष्मी कांत दीक्षित भी शामिल हैं. 100 से ज्यादा पुजारी इस दौरान पूजा और हवन करेंगे.”
इस दौरान शंकराचार्य ने पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशनसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री देश भर के तीर्थ स्थलों और परिसरों के विकास पर भी काफी जोर दे रहे हैं. उन्हीं के नेतृत्व में केदारनाथ एवं काशी विश्वनाथ तैसे बड़े तीर्थ स्थलों के विकास और विस्तार हुआ है.
अब तक चार आदि पीठ और चार शंकराचार्य के बारे में बात की जा रही थी, लेकिन अब एक नए शंकराचार्य का नाम सुनने में आया है. इनको लेकर कई लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म के प्रसार के लिए देश की चार दिशाओं में चार पीठ की स्थापना की थी, जिसके प्रमुख को शंकराचार्य कहा जाता है.
ये चार प्रमुख मठ द्वारका, ज्योतिष, गोवर्धन और श्रृंगेरी पीठ हैं, लेकिन तमिलनाडु के कांची कामकोटि पीठ भी महापीठ का दावा करता है और यहां के शंकराचार्य खुद को अन्य चार शंकराचार्य की तरह मानते हैं. हालांकि, प्रमुख चारों पीठ के शंकराचार्य उन्हें शंकराचार्य नहीं मानते हैं.
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