कांग्रेस की ओर से रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें आमंत्रित करने का फैसला गलत था. समारोह में केवल भगवान राम में आस्था रखने वालों को बुलाना चाहिए.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “वे बाबर से प्यार करते हैं, न कि भगवान राम से. इसलिए उन्हें आमंत्रित करने का फैसला गलत था. केवल भगवान राम में आस्था रखने वालों को ही निमंत्रण देना चाहिए, गांधी परिवार भगवान राम से पहले बाबर को प्रणाम करेगा.”
सरमा ने कहा कि भगवान राम और बाबर के बीच कांग्रेस हमेशा बाद वाले को चुनेगी और इसलिए 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से उनका मना करना अच्छा है, उनके आने से कार्यक्रम खराब हो जाता.
इससे पहले सरमा ने कहा था कि कांग्रेस ने अपने पिछले पापों को कम करने का मौका खो दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अफगानिस्तान के काबुल स्थित बाबर के मकबरे पर राहुल गांधी की एक तस्वीर भी साझा की थी.
दरअसल, कांग्रेस ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को बीजेपी और आरएसएस का इवेंट बताते हुए कहा था कि सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. समारोह का निमंत्रण स्वीकार नहीं करने के बाद से ही पार्टी बीजेपी के निशाने पर है.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के निमंत्रण अस्वीकार करने पर कहा था कि हम कांग्रेस से कुछ अलग की क्या उम्मीद कर सकते हैं. उनकी राम में आस्था नहीं है, इस बात को उन्होंने प्रमाणित किया है.
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