वाराणसी: जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने का रिसीवर नियुक्त किया है. साथ ही मामले की सुनवाई के दौरान तहखाने को अपनी अभिरक्षा और नियंत्रण में लेकर उसे सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है. यह भी आदेश दिया है कि उसकी स्थिति में कोई परिवर्तन न होने दें. साथ ही मामले में पक्षकार बनने के लिए स्वयंभू आदिविश्वेश्वर मुकदमे के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी का प्रार्थना पत्र भी खारिज कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी.
स्व. सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर तहखाने को जिलाधिकारी के संरक्षण में देने की मांग की थी. वादी ने कहा है कि उनके पूर्वज ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में पूजा-पाठ करते थे. वर्ष 1993 में तत्कालीन सरकार के आदेश पर पूरे क्षेत्र की लोहे की बैरिकेडिंग कर दी गई. इससे पूजा-पाठ बाधित हो गया. चूंकि उसी परिसर में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के लोगों का आवागमन है, इसलिए वे इस पर कब्जा करने पर आमादा हैं. इसलिए दक्षिणी तहखाने को जिलाधिकारी की निगरानी में सौंपने और फिर से पूजा-पाठ करने का अधिकार दिया जाए.
अदालत ने सभी पक्षों की आपत्ति पर सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिसका फैसला बुधवार शाम को वेबसाइट पर अपलोड किया गया. जिला जज की अदालत ने कहा कि जिलाधिकारी विवादित संपत्ति को अपनी सुरक्षा में रखें. संपत्ति के मूल स्वरूप में किसी तरह का बदलाव नहीं होना चाहिए. वादी शैलेंद्र पाठक की तरफ से उनके अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने वाद दाखिल किया था.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
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