उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या के राम मंदिर के गर्भ गृह में 500 साल पुराना सपना आखिरकार साकार हो रहा है. तपती धूप, बारिश समेत हर मौसम को झेलने के बाद आखिकार रामलला ने अपने महल में प्रवेश कर लिया. गुरुवार(18 जनवरी) को शुभ मूहुर्त में रामलला के विग्रह को राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया. 24 अलग-अलग पद्धतियों से पूजा करने के बाद रामलला को गर्भ गृह में स्थापित करने का कार्य संपन्न हुआ. यह पूजा करीब 4 घंटे तक चली.
बता दें सभी 131 वैदिक मंत्रों के साथ दोपहर 12 बजे राम गर्भ गृह पहुंचे, जिसके बाद रामलला के विग्रह को गर्भ गृह में स्थापित किया गया. बता दें गुरुवार को 1:20 बजे संकल्प हुआ. उसके बाद 24 अलग-अलग पद्धतियों से पूजा की गई. इसमें गणेशाम्बिकापूजन, वरुणपूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, वसोर्धारापूजन (सप्त घृत मातृका पूजन), आयुष्यमन्त्रजप, नान्दीश्राद्ध, आचार्यादिचऋत्विग्वरण, मधुपर्कपूजन, मण्डपप्रवेश, पृथ्वी- कूर्म- अनन्त- वराह-यज्ञभूमि-पूजन, दिग्ररक्षण, पञ्चगव्य – प्रोक्षण, मण्डपाङ्ग वास्तुपूजन, वास्तु बलिदान, मण्डप सूत्रवेष्टन, दुग्ध- धारा, जलधाराकरण, षोडशस्तम्भपूजनादि मण्डपपूजा (तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपालादिपूजा), मूर्ति का जलाधि वास, गन्धादिवास, सायंकालिक पूजन एवं आरती हुई.
बता दें इससे पहले बुधवार(17 जनवरी) को रामलला ने भव्य राम मंदिर का भ्रमण किया. भगवान की प्रतिकात्मक मूर्ती की शोभायात्रा उत्साह के साथ सम्पन्न हुई. आने वाली 22 तारीख को प्रधानमंत्री द्वारा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.
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