नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है. स्पेशल जज राकेश स्याल ने सभी आरोपितों को 25 जनवरी को कोर्ट ने पेश होने का निर्देश दिया.
कोर्ट ने आरोपितों जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर के अलावा पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर के खिलाफ समन जारी किया है. कोर्ट ने 12 जनवरी को चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. ईडी ने 9 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की ही. करीब पांच हजार पेजों के चार्जशीट में ईडी ने जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर को आरोपित बनाया है. ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपित बनाया है.
ईडी के मुताबिक ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपये की जमीन की बिक्री से जुड़ा हुआ है. आप विधायक अमानतुल्लाह खान के अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गईं. कौसर इमाम सिद्दीकी की डायरी में 8 करोड़ रुपये की एंट्री की गई है. जावेद इमाम को ये संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली. जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख में बेची. जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी.
इस मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज की थी. सीबीआई की ओर से 23 नवंबर, 2016 को विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त, 2022 को चार्जशीट दाखिल की. सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गईं.
सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपितों के साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
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