आगामी लोकसभा चुनाव से पहले INDI Alliance को बड़ा झटका लगा है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एलान कर दिया कि टीएमसी भले ही विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन आने वाली लोकसभा चुनाव में राज्य में पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी.
पिछले कुछ दिनों से बंगाल में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और टीएमसी के बीच बातचीत चल रही थी. अंत में बातचीत का कोई समाधान न निकलने के बाद बंगाल में ममता ने ‘एकला चलो रे’ की घोषणा के साथ अकेले ही चुनाव लड़ने की घोषणा.
ममता के इस फैसले पर बीजेपी नेता अमित मालवीय पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के अकेले लड़ने के फैसले हताशा का संकेत बताया. उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि वो अपनी राजनीतिक जमीन बरकरार रखने में असमर्थ हैं, टीएमसी सभी सीटों पर इस उम्मीद में अकेले लड़ना चाहती है ताकि पार्टी चुनाव के बाद भी प्रासंगिक बनी रहे.
मालवीय ने आगे कहा,”ममता बनर्जी चाहतीं थीं कि वो विपक्षी गठबंधन का चेहरा बने, लेकिन किसी ने भी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं रखा. राष्ट्रीय प्रोफाइल बनाने के लिए उनकी दिल्ली की कई यात्राएं काम नहीं आईं. वह चुनाव के बाद की हिंसा के खून को छिपा नहीं सकीं और तुष्टीकरण की राजनीति की दुर्गंध से खुद को छुटकारा नहीं दिला पाईं.”
विपक्षी गठबंधन के चेहरे के रूप में उभरने की उनकी इच्छा के विपरीत, किसी ने भी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं रखा. राष्ट्रीय प्रोफाइल बनाने के लिए उनकी दिल्ली की कई यात्राएं काम नहीं आईं. वह चुनाव के बाद की हिंसा के खून को छिपा नहीं सकीं और तुष्टीकरण की राजनीति की दुर्गंध से खुद को छुटकारा नहीं दिला सकीं. शर्मिंदगी में आकर उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे की वकालत की और खुद को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया. वो लंबे समय से इस विपक्षी गठबंधन से बाहर निकलने की कोशिश में जुटीं थीं. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बंगाल आने से पहले सीएम ममता का यह फैसला INDI Alliance के ताबूत में एक और कील ठोकने जैसा है.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, INDI Alliance के सहयोगी दल खुद अपने गठबंधन के महल को हर आए दिन ध्वस्त कर रहे हैं. विपक्षी नेता दिल्ली आकर दोस्ती तो कर लेते हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में पहलवानी करते हैं. हर जगह एक नया टकराव देखने को मिलता है. पूनावाला ने आगे कहा कि पांच बैठकों के बाद भी उनके पास न कोई झंडा है, न एजेंडा, न नेता, न नीति और न ही नियत. बस भ्रम, भ्रष्टाचार और पारिवारिक पेशे को आगे बढ़ाने वाले लोगों से भरा हुआ है. लोगों ने उन लोगों का समर्थन करने का फैसला किया है जिनके पास एक मिशन है, न कि उनका जो हर दिन भ्रम में रहते हैं.’
तो वहीं सीएम ममता के बयान पर पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने गठबंधन को अप्राकृतिक बताया. क्योंकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और सीपीएम ममता बनर्जी के खिलाफ लड़ रही हैं. कुछ समय पहले पंचायत चुनाव में कांग्रेस और सीपीएम को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बुरी तरह पीटा था. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को ग्राउंड रिपोर्ट पता है.
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