10वीं और 12वीं कक्षा की आगामी बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए कोई चिंता न रहे इसके लिए पीएम मोदी ने आज (29 जनवरी) सोमवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में भाग लिया. छात्रों से बातचीत करते हुए पीएम ने उन्हें कई ऐसे बहुमुल्य गुरुमंत्र बताए जो बच्चों को परीक्षाओं में तनाव से दूर रहने में मदद कर सकते हैं. इस कार्यक्रम में कई राज्यों के छात्रों और अध्यापकों ने भी भाग लिया.
इस दौरान, पीएम से एक बच्चे ने सवाल पूछा कि कुछ लोग कहते हैं कि दोस्ती ही ले डूबती है. इस सवाल का उत्तर देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोस्ती बहुत जरूरी है. मैंने बहुत बार देखा है टीचर से अधिक एक दोस्त ही आपको सिखा देता है, जैसे मैथ्स से लेकर लैंग्वेज पर अगर एक दोस्त की मजबूती हो तो वो अपने साथी को भी मजबूत बना देता है. पीएम ने कहा कि मैंने ऐसे मित्र देखे हैं, जो खुद चाहे फेल हों, लेकिन दोस्त को आगे बढ़ाने के लिए मदद करते है. दोस्त अगर अच्छे नंबर न लाए और खुद प्रथम आए तो पार्टी भी नहीं करते, ये होती है दोस्ती.
इसी के साथ पीएम ने बच्चों के अलावा अध्यापकों को भी कुछ टिप्स दिए.पीएम ने कहा कि टीचर और छात्र में एक बोंडिंग होनी जरूरी है. साथ ही उनमें दोस्ती का नाता होनी भू बहुत आवश्यक है. पीएम बोले कि टीचर का काम जॉब बदलना नहीं, छात्रों की जिंदगी को बदलना है और उसे सवारना है.
पीएम ने पेरेंट्स को भी सुझाव देते हुए कहा कि कुछ गलतियां मां-बाप का अतिउत्साह पैदा करता है, तो कुछ छात्र डरकर करते हैं. मोदी ने कहा कि परीक्षा के दिन यह खाकर जाओ, जिससे पेपर सही होगा. यह सब भी तनाव है जो घर से निकलने से पहले ही शुरू हो जाएगा तो बच्चा पेपर अच्छे से कैसे करेगा.
पीएम ने कहा कि परीक्षा देते समय छात्र पेपर देखते ही तनाव में आ जाते हैं. विद्यार्थी सोचने लगते हैं कि पहले उसे पेपर मिला मुझे कम समय मिलेगा या इसमें ज्यादा समय लग गया पहले कोई और प्रश्न करना चाहिए था. पीएम बोले कि सबसे पहले छात्रों को पूरा पेपर अच्छे से पढ़ना चाहिए फिर मन से तय किजीए कि किस प्रश्न में कितना समय लगेगा तो उसू प्रकार से ही उत्तर देने चाहिए.
पीएम ने कहा कि कुछ बच्चे दूसरों का देखकर परीक्षा देते हैं. उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि दूसरे को देखने से पहले जरा संभल जाएं. उन्होंने कहा कि इधर-उधर ध्यान देने से अच्छा है खुद पर भरोसा करें, क्या पता दूसरा छात्र किसी फिल्म की कहनी लिख रहा हो.
पीएम से जब पूछा गया कि कुछ बच्चे निर्णय लेने में कंफ्यूजन में होते हैं, इसके लिए क्या करें? पीएम ने उत्तर दिया कि कई बार आपने भी देखा होगा कि कुछ लोग रेस्टोरेंट में जाकर पहले कुछ ऑर्डर कर देते हैं. इसके बाद वो इधर-उधर जब देखते हैं कि उसने यह ऑर्डर किया है तो वह अपना पहला ऑर्डर कैंसल कर, उसे मंगवा लेते हैं. इसके बाद वह सोचते है कि इससे अच्छा वही मंगवा लेता जो पहले ऑर्डर किया था.
पीएम ने कहा कि जो व्यक्ति रेस्टोरेंट के टेबल पर निर्णय नहीं ले पाते वो कभी खाने का स्वाद नहीं ले सकते. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर जीवन में सफल होना है तो हमें निर्णायक बनना होगा और कंफ्यूजन छोड़ना होगा.
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