कर्नाटक के बाद राजस्थान के विद्यालयों में भी अब हिजाब पर बड़ा विवाद शुरू हो गया है. राज्य सरकार ने हिजाब पर बैन लगाने की तैयारी कर ली है. मंगलवार (30 जनवरी) को राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इसे लेकर स्पष्ट कर दिया. उन्होंने कहा है कि राजस्थान के किसी भी सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में हिजाब पहनकर आने की मंजूरी नहीं होगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल परिसर में नमाज भी नहीं पढ़ने दी जाएगी.
दिलावर बोले कि प्रदेश की सभी सरकारी विद्यालयों में राज्य सरकार की तरफ से ड्रेस निर्धारित की हुई है. मदरसों समेत सभी निजी स्कूलों ने भी अपने-अपने स्तर पर ड्रेस कोड तय कर रखे हैं. ऐसे में सभी छात्रों को तय ड्रेस कोड में ही स्कूल आना होगा. इसके अतिरिक्त छात्रों को कोई भी मनचाही ड्रेस पहनकर स्कूल आने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य के किसी भी सरकारी एवं निजी स्कूलों में धर्मांतरण नहीं होने दिया जाएगा. इसे सख्ती से रोका जाएगा.
इससे 3 दिन पूर्व जयपुर शहर के गंगापोल क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल के कार्यक्रम में बीजेपी विधायक बाल मुकुंद आचार्य ने शिरकत की थी. इस दौरान उन्होंने विद्यालय की प्रिंसिपल, अध्यापकों और अन्य स्टाफ से पूछा था कि स्कूल में कुछ छात्राएं हिजाब पहन कर क्यों आईं? विधायक ने आपत्ति जताते हुए हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी.
बीजेपी विधायक द्वारा हिजाब पर आपत्ति जताने के अगले दिन मुस्लिम छात्राओं ने सुभाष चौक थाने का घेराव किया और विधायक के खिलाफ अपना क्रोध जताया. छात्राओं ने विधायक बाल मुकुंद आचार्य से माफी मांगने की बात कही. इसके अगले दिन हिन्दू छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों ने गंगापोल में प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि स्कूल में समुदाय विशेष के छात्राओं और उनके परिजनों की तरफ से बदसलूकी की गई. कई तरह के धार्मिक रूप से जुड़े अनर्गल टिप्पणियां करने के भी आरोप लगाए गए.
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