राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के बजट सत्र को संबोधित करते हुए अपने अभिभाषण में कहा कि ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ 21वीं सदी के लिए मंत्र होगा. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि नए सदन में उनका यह पहला संबोधन है, यहां संसदीय परंपराओं का गौरव है.
’25 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर आए’
राष्ट्रपति मुर्मू बजट सत्र के लिए लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. राष्ट्रपति ने इस दौरान कहा कि दुनिया में गंभीर संकटों के बावजूद भारत तेजी के साथ विकसित हो रहा है, मेरी सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लेकर भी आई है. उन्होंने कहा कि ये ऐसे कानून हैं, जो विकसित भारत की सिद्धि की मजबूत पहल हैं, क्रिमनल जस्टिस सिस्टम अब इतिहास बन गया है. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि राम मंदिर बनने की आकांक्षा सदियों से थी, 25 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर आए हैं, तीन तलाक के खिलाफ सरकार ने कड़े कानून बनाए.
‘मेरी सरकार ने लाखों युवाओं को नौकरियां दीं’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस नए संसद भवन में यह मेरा पहला संबोधन है, यह हमारे संविधान के लागू होने का भी 75वां वर्ष है. उन्होंने कहा कि बीता वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर झंडा फहराने वाला पहला देश बना. राष्ट्रपति ने कहा कि G20 की सफलता ने पूरी दुनिया में भारत की भूमिका को सशक्त किया, मेरी सरकार ने लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी दी हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि नारी शक्ति अधिनियम से लोकसभा राज्यसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी. मुर्मू ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण का इंतजार वर्षों से था, लेकिन अब पूरा हुआ.
‘अनुच्छेद 370 पर आशंकाएं अब इतिहास बन गईं’
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने एशियाई खेलों में 100 से ज्यादा मेडल जीते, 5जी रोल आउट करने वाला पहला देश बन गया है, आरटीआई फाइल करने वालों की संख्या सवा तीन करोड़ से बढ़कर 8 करोड़ से अधिक हो गई है. उन्होंने कहा कि ये उपलब्धियां 10 वर्ष की साधना का परिणाम है, अनुच्छेद 370 पर आशंकाएं अब इतिहास बन गई हैं, आज एक लाख से ज्यादा स्टार्टअप हैं, एक करोड़ 40 लाख लोग जीएसटी दे रहे हैं.
‘एक देश-एक टैक्स कानून लाया गया’
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि एक देश-एक टैक्स कानून लाया गया है, बैंकिंग सिस्टम मजबूत हुआ है, बैंकों का एनपीए घटकर 4 प्रतिशत रह गया है. मुर्मू ने कहा कि पहले की तुलना में एफडीआई दोगुना हो गया है, सुशासन और पारदर्शिता के चलते आर्थिक सुधार हुआ है और मेक इन इंडिया सबसे बड़ा अभियान बन गया है. उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्रों में निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ी है, आज हम खिलौने निर्यात करते हैं, ईज ऑफ डुइंग बिजनेस भी सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि देश में बिजनेस को लेकर अच्छा माहौल बना है, डिजिटल इंडिया से बिजनेस करने में आसानी आई है. राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल इंडिया देश की बड़ी उपलब्धि बन गया है, दुनिया के दूसरे देश भी आज यूपीए से ट्रांजेक्शन की सुविधा दे रहे हैं, सरकार को निजी क्षेत्र की क्षमता पर भरोसा है, 2 करोड़ फर्जी लाभार्थी सिस्टम से बाहर किए गए हैं.
‘भारत में दुनिया का 46% लेनदेन डिजिटल हुआ’
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने 34 लाख करोड़ सीधे लाभार्थियों के खाते में डाले हैं, डिजि लॉकर जीवन को आसान बना रहा है, भारत में दुनिया का 46% लेनदेन डिजिटल होने लगा है. वन विभाग से क्लीयरेंस में अब 75 दिन लगते हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे के क्षेत्र में भी देश ने नए आयाम छुए हैं, इंफ्रास्क्ट्रचर में रिकॉर्ड निवेश किया गया है. मुर्मू ने कहा कि विकसित भारत की भव्य इमारत चार स्तंभ पर खड़ी हो सकती है- ये युवा शक्ति, नारी शक्ति, किसान शक्ति और गरीब वर्ग है.
‘सरकार ने महंगाई को काबू में रखा’
राष्ट्रपति ने अभिभाषण के दौरान कहा कि बीता वर्ष देश के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है. राष्ट्रपति ने लगातार दूसरी तिमाही में देश की विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने की बात कही, उन्होंने कहा कि सरकार ने महंगाई को काबू में रखा और लोगों पर इसका बोझ नहीं बढ़ने दिया.
‘गरीबों को सस्ता राशन देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए खर्च’
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने उज्ज्वला योजना पर 2.5 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं, गरीबों को सस्ता राशन देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं, आयुष्मान योजना से मुफ्त इलाज दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 11 करोड़ घरों को पहली बार नल से जल योजना से जोड़ा गया है, किडनी मरीजों के डायलिसिस की सुविधा दी गई है, एलईडी बल्ब से बिजली के बिल में बचत लाने की कोशिश की है. राष्ट्रपति ने कहा कि योजनाओं को तेजी से पूरा करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि बीते वर्ष दुनिया ने दो बड़े युद्ध देखे, वैश्विक संकट के बावजूद देश में महंगाई नहीं बढ़ने दी है, गरीबों और मध्यम वर्ग को सस्ते में हवाई टिकट मिल रहे हैं.
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