झारखंड में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदले हैं. झारखंड भूमि घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार देर शाम अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है. उनकी जगह चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया है. हेमंत सोरेन की कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री रहे चंपई सोरेन अब झारखंड के अगले सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे. हालांकि मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का भी नाम चर्चा में था, लेकिन बताया जा रहा है कि कल्पना के नाम पर पार्टी के विधायकों में आम सहमति नहीं बन सकी है. इसके चलते ही हेमंत सोरेन ने पार्टी में बगावत टालने के लिए चंपई सोरेन को सीएम बनाया है. आइए जानते हैं कि कौन हैं चंपई सोरेन…
चंपई सोरेन झारखंड की सरायकेला सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के विधायक हैं. अभी वे हेमंत सोरेन की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. चंपई सोरेन तीन बार मंत्री बने हैं और अब राज्य के सीएम बनने जा रहे हैं. उन्हें जेएमएम के संस्थापक और झारखंड के पहले मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का दाहिना हाथ भी कहा जाता है. यही वजह है हेमंत सोरेन भी उनका बहुत सम्मान करते हैं और कई मौकों पर हेमंत सोरेन को उनके पैर छूते हुए या फूल भेंट करते हुए भी देखा गया है. चंपई सोरेन जेएमएम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं.
बिहार से अलग झारखंड राज्य बनाने का आंदोलन शुरू होने पर चंपई की मुलाकात शिबू सोरेन से हुई थी, इसके बाद वे आंदोलन में उतर गए. उनके दबंग और प्रशासन से नहीं डरने वाले अंदाज के कारण लोग उन्हें ‘झारखंड टाइगर’ कहकर पुकारने लगे थे.
चंपई सोरेन ने राजनीति में की शुरुआत निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 1991 में की थी. सरायकेला सीट पर उपचुनाव में कद्दावर सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराकर वे चर्चा में आ गए. इसके बाद वे जेएमएम में शामिल हो गए. चंपई ने 1995 में जेएमएम के टिकट पर जीत हासिल की, लेकिन 2000 में उन्हें भाजपा के अनंतराम टुडू ने हरा दिया था. वर्ष 2005 में वे फिर से विधायक बने और इसके बाद से सरायकेला सीट पर उनका कब्जा बरकरार है. उन्होंने वर्ष 2019 में यहां भाजपा के गणेश महाली को हराया था. अब वो झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.
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