वाशिंगटन: अमेरिका ने इराक और सीरिया में सात स्थानों पर ईरान के 85 से अधिक ठिकानों पर बमवर्षक विमानों से हमला किया. मध्य पूर्व संकट के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका की यह कार्रवाई पिछले दिनों जॉर्डन में ड्रोन हमले के दौरान तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद हुई है. इन सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए मंगलवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ड्रोन हमले का जवाब देने का वादा किया था. मध्य पूर्व में बढ़ती शत्रुता के बीच उन्होंने कहा है, ” अब हमारी प्रतिक्रिया आज शुरू हुई.”
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते जॉर्डन में किए गए ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद अमेरिका ने ये जवाबी कार्रवाई की है. अमेरिका ने हमलों को लेकर पहले ही चेतावनी जारी की थी. हालांकि हमले कब और कहां होंगे, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी. अब अमेरिका ने इराक और सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 85 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया है.
यूएस सेंट्रल कमांड ने बयान में कहा कि हमलों में सिर्फ इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के साथ ही इससे संबंधित मिलिशिया समूहों को निशाना बनाया गया. अमेरिकी सेना ने अपने बम बरसाने वाले विमानों से 85 से ज्यादा लक्ष्यों को निशाना बनाया. यूएस सेंट्रल कमांड ने एक्स हैंडल पर लिखा है, “दो फरवरी को शाम चार बजे यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) बलों ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) कुद्स फोर्स और उससे संबंधित मिलिशिया समूहों के खिलाफ इराक और सीरिया में हवाई हमले किए. अमेरिकी सैन्य बलों ने बम बरसाने वाले विमानों से 85 से ज्यादा लक्ष्यों को निशाना बनाया. इन हमलों पर सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स युद्ध मॉनिटर ने कहा है कि पूर्वी सीरिया में हुए हमलों में करीब 18 ईरान समर्थक लड़ाके मारे गए.
मॉनिटरिंग ग्रुप ने कहा है कि अल्बु कमाल में इराकी बॉर्डर के पास दीर एज़ोर शहर से 100 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक फैले पूर्वी सीरिया के एक बड़े हिस्से पर चल रही कार्रवाई में हथियार डिपो समेत ईरान समर्थक समूहों की करीब 26 अहम जगहों को नष्ट कर दिया गया है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
कमेंट