कनाडा ने अपनी धरती पर एक अलगाववादी आतंकवादी की हत्या में दिल्ली की भूमिका का आरोप लगाने के महीनों बाद जस्टिन ट्रूडो सरकार ने भारत को एक ‘विदेशी खतरा’ बताया है, जो संभावित रूप से उनके चुनावों में हस्तक्षेप कर सकता है.
दरअसल यह आरोप कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा द्वारा ग्लोबल न्यूज द्वारा प्राप्त एक अवर्गीकृत खुफिया रिपोर्ट में लगाया गया है. बता दें, पिछले साल सितंबर में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के ऊपर अलगाववादी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था तो वहीं इस नए आरोप को ट्रूडो के प्रोपेगेंडा का अगला हिस्सा माना जा रहा है. भारत ने निज्जर हत्याकांड में किसी भी तरह की भूमिका होने से साफ इनकार किया था. अक्टूबर 2022 की रिपोर्ट जिसका शीर्षक ‘विदेशी हस्तक्षेप और चुनाव: एक राष्ट्रीय सुरक्षा आकलन’ नाम से है, उसमें भारत को ‘खतरा’ बताते हुए चेतावनी दी गई है, कि विदेशी हस्तक्षेप कनाडा के लोकतंत्र को कमजोर बना रहा है.
ग्लोबल न्यूज ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विदेशी हस्तक्षेप पारंपरिक कूटनीति से इतर है, क्योंकि इसमें सार्वजनिक कथाओं और नीति-निर्माण को प्रभावित करने के लिए गोपनीयता और धोखे का इस्तेमाल हो रहा है. मालूम हो कि यह पहली बार है, जब कनाडा ने भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है. इससे पहले कनाड ये आरोप चीन और रूस पर लगाता रहा है. पिछले वर्ष फरवरी में ‘विदेशी हस्तक्षेप पर लोकतांत्रिक संस्थानों के मंत्री की ब्रीफिंग’ में चीन को “अब तक का सबसे महत्वपूर्ण खतरा” बताया गया था.
रिपोर्ट में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र करते हुए कहा गया है, “हम जानते हैं कि पीआरसी ने 2019 और 2021 के संघीय चुनावों को गुप्त रूप से और भ्रामक रूप से प्रभावित करने की कोशिश की थी.” कनाडाई मीडिया ग्लोबल न्यूज ने कहा है, कि दस्तावेज के हिस्सों में किसी देश का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन अन्य सामग्रियों में भारत और चीन को खतरा बताया गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है, कि विदेशी हस्तक्षेप “संप्रभुता, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और मूल्यों को नष्ट करके” कनाडा और कनाडाई लोगों को नुकसान पहुंचाता है.
कनाडाई मीडिया की रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “फॉरेन इंटरफेरेंस (विदेशी हस्तक्षेप) गतिविधियां कनाडा के लोकतंत्र के ताने-बाने को कमजोर कर रही हैं, बहुसांस्कृतिक समाज की कड़ी मेहनत से हासिल की गई सामाजिक एकजुटता को कमजोर कर रही हैं और कनाडाई लोगों के चार्टर अधिकारों का हनन कर रही हैं.” कनाडाई प्रधानमंत्री ने आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं.
आपको बता दें कि पिछले साल दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने देश में बढ़ती अलगाववादी गतिविधियों पर जस्टिन ट्रूडो को डांटने के बाद से भारत और कनाडा के बीच तनाव पैदा हो गया था. उसके ठीक एक हफ्ते बाद, ट्रूडो ने आरोप लगाते हुए कहा था, कि जून में कनाडाई शहर सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर कनाडाई नागरिक और भारत में वांटेड आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या के पीछे “भारत सरकार के एजेंट” हो सकते हैं. भारत ने इस आरोप को “बेतुका” बताते हुए खारिज कर दिया था.
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