नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने आज (6 फरवरी) सुबह धन शोधन की जांच के सिलसिले में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव वैभव कुमार और पार्टी से जुड़े लोगों सहित 12 ठिकानों पर छापा मारा.
बताया गया है कि केजरीवाल के निजी सचिव वैभव कुमार, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य शलभ कुमार और पार्टी के राज्यसभा सदस्य नारायण दास गुप्ता सहित कुछ लोगों के यहां तलाशी ली जा रही है.
दरअसल, केंद्रीय एजेंसी दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच कर रही है. सीबीआई और दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) की एफआईआर के आधार पर ईडी के कार्रवाई कर रही है. सीबीआई की एफआईआर में आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक मीटरों की आपूर्ति, उन्हें लगाने, टेस्टिंग और कमीशनिंग के लिए टेडंर देते समय एक कंपनी को लाभ पहुंचाया.
सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का टेंडर दिया था, जबकि कंपनी जरूरी मानदंडों पर खरी नहीं उतरती थी. हाल ही में ईडी ने PMLA के तहत 31 जनवरी को जगदीश अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया है.
आरोप है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेज जमा करके टेंडर हासिल किया है. मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अनिल कुमार अग्रवाल की स्वामित्व वाली फर्म मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को काम का उप-ठेका दिया.
जब अनिल अग्रवाल को टेंडर की राशि मिली तो उन्होंने करीब 3 करोड़ रुपये रिश्वत की राशि जगदीश कुमार अरोड़ा को नकद और बैंक खातों के जरिए ट्रांसफर कर दिए. जांच में पता चला है कि इसके लिए अरोड़ा के करीबी सहयोगियों और उनके रिश्तेदारों के बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ था. इस दौरान जगदीश कुमार अरोड़ा के करीबी को भी नकद रिश्वत मिली. इसके बाबत ईडी ने पहले 24 जुलाई, 2023 और 17 नवंबर, 2023 को छापेमारी की थी, जिसके बाद दस्तावेज और सबूत जब्त किए गए थे.
कमेंट