मंगलवार (6 फरवरी) को सार्वजनिक परीक्षा विधेयक, 2024 लोकसभा से पास हो गया. इसका मुख्य उद्देश्य परीक्षाओं में अनुचित तरीकों के इस्तेमाल पर रोक लगाना है. इस विधेयक को कार्मिक राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने सदन में पेश किया था.
इस बिल के अनुसार परीक्षाओं में गड़बड़ी करने के आरोप में 3 से 5 वर्ष की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. अगर दोषी जुर्माना देने में विफल रहता है तो विधेयक की धारा 10(1) के तहत, ‘आरोपी को भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रावधानों के अनुसार कारावास की अतिरिक्त सजा दी जाएगी.’
विधेयक का उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षा प्रणालियों में पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता बढ़ाना है. इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि युवाओं का भविष्य सुरक्षित रहे. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा प्रस्तुत विधेयक यूपीएससी, एसएससी, एनईईटी, जेईई और सीयूईटी जैसी भर्ती परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं में पेपर लीक और धोखाधड़ी या गड़बड़ी को रोकने के लिए पेश किया गया है. बता दें सार्वजनिक परीक्षा-अनुचित साधनों की रोकथाम विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया था.
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