लोकसभा चुनाव से पहले इंडी गठबंधन को एक और बड़ा झटका लग सकता है. उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) विपक्षी दलों के इस गठबंधन से अलग हो सकती है. खबर आ रही है कि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी से अलायंस को लेकर बातचीत अंतिम दौर में है, यानी आरएलडी जल्द ही एनडीए का हिस्सा बन सकती है. अगर यह संभव होता है तो कुछ दिन पहले ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जयंत के साथ सीट शेयरिंग को लेकर जो ऐलान किया था वो सब खटाई में पड़ जाएगा. ऐसे में इन खबरों के बीच अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) में हड़कंप मचा है. अखिलेश समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं ने इन खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इन चर्चाओं को लेकर पहली बार प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश यादव का कहना है, “जयंत चौधरी एक पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं और वह राजनीति को अच्छी तरह समझते हैं, मुझे उम्मीद है कि वह किसानों की लड़ाई को कभी भी कमजोर नहीं होने देंगे.”
इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव का भी बयान आया. उन्होंने कहा, “मैं जयंत को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं, वे धर्मनिरपेक्ष लोग हैं, बीजेपी केवल मीडिया का इस्तेमाल कर गुमराह कर रही है. वे (आरएलडी) इंडी गठबंधन में बने रहेंगे और बीजेपी को हराने का काम करेंगे.”
वहीं, डिंपल यादव ने कहा कि जिस तरह बीजेपी सरकार किसानों के विरुद्ध काम कर रही है, बजट में किसी भी प्रकार की एमएसपी का जिक्र नहीं है, बीजेपी के द्वारा हमारी पहलवान बहनों का अपमान हुआ है, मैं नहीं मानती की आरएलडी के नेता जयंत चौधरी इस तरह का कोई कदम उठाएंगे, जिससे किसानों को नुकसान पहुंचे.”
जिस तरह से बुधवार (7 फरवरी) को सपा के नेताओं के बयान आए, उससे तो साफ लग रहा है कि बीजेपी और आरएलडी के बीच जरूर कोई खिचड़ी पक रही है.
बता दें कि पश्चिमी उप्र की 27 में से 12 सीटों पर आरएलडी का खासा प्रभाव है. यही वजह है कि इंडी गठबंधन और एनडीए दोनों को आरएलडी का साथ चाहिए. जिस गठबंधन में आरएलडी रहेगा उसका पलड़ा यहां भारी होना तय है. हालांकि पिछले दो लोकसभा चुनाव में आरएलडी अपना एक भी प्रत्याशी को जीत नहीं दिला पाई है.
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