मुंबई: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. हालांकि, चालू वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार (8 फरवरी) को यहां द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिनों तक चली समीक्षा बैठक के नतीजे की घोषणा करते हुए कहा कि ग्रामीण मांग में तेजी जारी है, शहरी खपत मजबूत बनी हुई है. वहीं, पूंजीगत व्यय में वृद्धि के कारण निवेश का चक्र रफ्तार पकड़ रहा है. उन्होंने कहा कि निजी निवेश में भी सुधार के संकेत दिख रहे हैं.
शक्तिकांत दास ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान जताया. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर क्रमशः 7.2 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत रहेगी, जबकि अक्टूबर-दिसंबर और जनवरी-मार्च तिमाही में इसके सात प्रतिशत रहने का अनुमान है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं. दास ने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर 7.3 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की गति अगले वित्त वर्ष 2024-25 में भी जारी रहने की उम्मीद है.
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वहीं, आरबीआई ने पिछली बार विकास दर अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया था, जबकि वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 प्रतिशत से लेकर 6.9 प्रतिशत तक रहने का अनुमान जताया है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार
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