केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत-म्यांमार के बीच फ्री आवाजाही पर रोक लगा दी है. मुक्त आवाजाही व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किमी के अंदर तक यात्रा करने की अनुमति देती है. गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक्स पर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि हमारी सीमाएं सुरक्षित रहे. इसलिए गृह मंत्रालय ने फैसला लिया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और उत्तर पूर्वी राज्यों की जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखने के लिए इस व्यवस्था को खत्म किया जाएगा.
यह फैसला गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान के दो दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत म्यांमार के साथ लगती पूरी 1,643 किमी लंबी सीमा पर बाड़ लगाए जाएंगे और सुरक्षाबलों के लिए गश्ती ट्रैक भी बनाए जाएंगे.
It is Prime Minister Shri @narendramodi Ji's resolve to secure our borders.
The Ministry of Home Affairs (MHA) has decided that the Free Movement Regime (FMR) between India and Myanmar be scrapped to ensure the internal security of the country and to maintain the demographic…
— Amit Shah (@AmitShah) February 8, 2024
यह ऐलान मणिपुर में कुकी जनजाति और बहुसंख्यक मैतई के बीच हुई जातीय हिंसा की घटनाओं के बाद किया गया है. इंफाल घाटी के मैतई समूहों की पहले से ही सीमा पर बाड़ लगाने की मांग रही है, इनका आरोप है कि आदिवासी उग्रवादी अक्सर खुली सीमा के जरिये भारत में प्रवेश करते हैं. इसके साथ यह भी आरोप लगाए हैं कि बिना बाड़ वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा का फायदा उठाकर भारत में मादक पदार्थों की तस्करी हो रही है.
बता दें कि फरवरी 2021 में पड़ोसी देश म्यांमार में जब सैन्य तख्तापलट हुआ था, तब 31,000 से अधिक लोगों ने मिजोरम में शरण ली थी. इनमें से अधिकतर लोग चिन राज्य से हैं. कुछ लोगों ने मणिपुर में भी शरण ली है. पिछले साल, मिलिशिया समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स के साथ हुई गोलीबारी के बाद म्यांमार के दर्जनों सैनिक भी मिजोरम भाग आये थे. हालांकि बाद में उन्हें उनके देश वापस भेज दिया गया था.
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