राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडी) को आगामी लोकसभा चुनाव में चुनौती देने के लिए बने I.N.D.I. अलायंस को लगातार झटके लग रहे हैं. अब एक और सहयोगी दल ने किनारा कर लिया है. राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सोमवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी ने एनडीए के साथ जाने का फैसला लिया है.
जयंत चौधरी ने कहा कि पार्टी के सभी विधायकों से चर्चा के बाद एनडीए में शामिल होने का फैसला लिया गया है. चौधरी ने विधायकों की नाराजगी पर कहा कि हमने हमारे सभी विधायकों से बातचीत कर ली है, हमारे सभी विधायक और कार्यकर्ता हमारे साथ हैं. उन्होंने कहा कि इस फैसले के पीछे कोई बड़ी प्लानिंग नहीं थी. हमें थोड़े समय में ही यह फैसला लेना पड़ा. हम लोगों के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं.
केंद्र सरकार ने जब पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का एलान किया था, तब जयंत चौधरी ने भारत के राष्ट्रपति और विशेष रूप से पीएम मोदी को धन्यवाद दिया था. वहीं जब जयंत चौधरी से यह सवाल पूछा गया कि क्या वह बीजेपी के साथ जाएंगे तो इस पर उन्होंने कहा था कि, ‘किस मुंह से इंकार करूं?’ हालांकि अब जयंत चौधरी ने एनडीए में जाने का खुद एलान कर दिया है.
जयंत चौधरी ने बताया कि क्यों भाजपा के साथ आने को हुए हम मजबूर। pic.twitter.com/wAV7PFS3Vo
— Ammar Khan (@AmmarSageer) February 12, 2024
बता दें कि पश्चिमी यूपी को जाट, किसान और मुस्लिम बाहुल्य इलाका माना जाता है. यहां लोकसभा की कुल 27 सीटें हैं और 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 19 सीटों पर विजय प्राप्त की थी. जबकि 8 सीटों पर विपक्षी गठबंधन ने कब्जा किया था, इनमें 4 सपा और 4 बसपा के खाते में आई थी. लेकिन, आरएलडी को किसी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई थी. यहां तक कि जयंत को पश्चिमी यूपी में जाट समाज का भी साथ नहीं मिला. यही नहीं, 2014 के चुनाव में भी जयंत को निराशा हाथ लगी थी और एक भी सीट नहीं जीत पाए थे. ऐसे में इस जयंत ने एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
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