पिछले चंद दिनों से पंजाब-हरियाणा की सीमा पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों ने अराजकता फैलाई है. भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे लेकर इस किसान आंदोलन पर सवाल खड़े हो गए हैं. इस वीडियो में वह कह रहे हैं कि राम मंदिर बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ग्राफ बहुत बढ़ गया था, उसे नीचे लाना है.
"We have to bring graph of PM @narendramodi down" ~ Farmer Leader Jagjit Singh Dallewal is upset by the fact that Modi's popularity graph has 'gone up' because of #ShriRamTemple.
This is truth of #FarmerProtest2024, staged politically motivated 'drama'. https://t.co/qtbXSvhjvO
— दा लॉस्ट बॉय (@iM_lost_boy) February 15, 2024
वीडियो में डल्लेवाल कहते सुनाई पड़ रहे हैं, “मैं गांव में बात करता था मौका बहुत थोड़ा है और मोदी का ग्राफ बहुत ऊंचा, क्या थोड़े दिनों में हम ग्राफ नीचे ला सकते हैं।”
वीडियो से आंदोलन की असली मंशा आई सामने
डल्लेवाल के इस वीडियो से पूरे किसान आंदोलन पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए है. क्योंकि चर्चा इस बात को लेकर जोरों पर है कि आखिर अचानक ही इतना बड़ा आंदोलन कैसे खड़ा हो गया. क्योंकि 2020 में तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब के 34 किसान संगठन विरोध कर रहे थे, जबकि इस आंदोलन में कुछ ही किसान संगठन जुड़े हैं.
पीएम मोदी की छवि धूमिल करना मकसद
डल्लेवाल का वीडियो सामने आने से माना जा रहा है कि राम मंदिर बनने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जो छवि बनी थी, उसे गिराने के लिए राजनीतिक मंशा के तहत ही किसान आंदोलन को खड़ा किया जा रहा है. क्योंकि डल्लेवाल ने जिस तरह से वीडियो में कहा कि मौका बहुत थोड़ा है और मोदी का ग्राफ बहुत ऊंचा, जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि उद्देश्य लोक सभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगने से पहले मोदी के खिलाफ माहौल बनाना है. क्योंकि आचार संहिता लागू होने के बाद चुनावी गतिविधियों में आंदोलन को खड़ा नहीं किया जा सकता.
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