महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विधायकों की अयोग्यता मामले में फैसला आ गया है. विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि अजित गुट को 41 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. अजित पवार के पास शरद पवार से अधिक विधायकों का समर्थन है इसलिए अजित पवार का गुट ही असली एनसीपी है.
सुनवाई में अजित पवार गुट की तरफ से अनिल पाटिल और समीर भुजबल मौजूद रहे, वहीं शरद पवार गुट से केवल वकील पहुंचे. शरद पवार गुट की तरफ से तीन याचिका दायर की गई थी, जबकि अजित पवार गुट की तरफ से दो याचिका दायर थी. कुल मिलाकर पांच याचिकाएं थी, जिन्हें ग्रुप 1 और ग्रुप 2 दो में बांटा गया.
राहुल नार्वेकर ने कहा कि एनसीपी में कोई फूट नहीं हुई है, सिर्फ गुट बन चुका है. उन्होंने प्राथमिक स्तर पर पार्टी की संरचना, संविधान और विधिमंडल बल इन तीन तथ्यों पर फैसला सुनाया. उन्होंने कहा कि 30 जून 2023 को एनसीपी में दो गुट निर्माण हुआ, 29 जून तक शरद पवार के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं था और राष्ट्रवादी के संविधान को लेकर कोई विवाद नहीं है.
स्पीकर ने कहा, “शिवसेना को लेकर मैंने जो निर्णय लिया था उसका आधार यहां लेना होगा. दोनों ही गुट पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर दावा कर रहे हैं. दोनों गुट दावा कर रहे हैं कि अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के संविधान के अनुसार नहीं हुआ है. यहां दो समानांतर नेतृत्व खड़े हो गये हैं. दोनों गुटों द्वारा अयोग्यता याचिकाएं भी दायर की गई हैं. पार्टी संविधान के अनुसार एनसीपी वर्किंग कमेटी सर्वोच्च संस्था है. इसमें 16 स्थायी सदस्य हैं. लेकिन पार्टी का संविधान स्थायी सदस्यों को इजाजत नहीं देता. हमें नेतृत्व संरचना, पार्टी संविधान और विधायकी की ताकत को देखकर तय करना होगा कि पार्टी किसकी है. पार्टी संविधान और नेतृत्व संरचना में कोई स्पष्टता नहीं है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से एनसीपी विधायकों की अपात्रता पर फैसला लेने की अंतिम तारीख 15 फरवरी तय की गई थी. जिसकी समयसीमा आज खत्म हो गई थी. इसे ध्यान में रखते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने यह फैसला सुनाया. स्पीकर ने शरद पवार गुट की ओर से दायर की गईं सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि अजीत पवार विधायकों के एक गुट के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे. इसके बाद शरद पवार गुट और अजित पवार गुट ने एक दूसरे के खिलाफ विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका दायर की. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष इस मामले की सुनवाई पूरी हुई. इससे पहले चुनाव आयोग ने अजीत पवार गुट को असली एनसीपी मानकर शरद पवार को बड़ा झटका दिया था. इस फैसले के बाद पार्टी के नाम और चिह्न पर अजीत पवार गुट का कब्जा है. फैसले में चुनाव आयोग ने कहा था कि शरद पवार गुट के संगठनात्मक बहुमत होने के दावे में गंभीर विसंगतियां मिली हैं. इसके बाद विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुप्रीम कोर्ट में एनसीपी विधायकों की अयोग्यता को लेकर तीन हफ्ते का वक्त मांगा था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए समयसीमा 15 फरवरी तक बढ़ा दी थी. कोर्ट ने पहले राहुल नार्वेकर को एनसीपी विधायक अयोग्यता मामले पर 31 जनवरी तक फैसला करने का निर्देश दिया था.
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