रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की जेल में जान चली गई. नवलनी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कट्टर आलोचक थे. उनकी मौत राजनीतिक हत्या माना जा रहा है. पुतिन के सबसे बड़े और कट्टर आलोचकों में से एक 47 वर्षीय नवलनी को आर्कटिक सर्कल के उत्तर में लगभग 40 मील दूर एक जेल में रखा गया था. सूत्रों के मुताबिक राजनेता की मौत का कारण खून का थक्का जमना था. नवलनी के वकील ने बताया कि वह बुधवार को अपने मुवक्किल से मिले और “उनके साथ सब कुछ ठीक था.” रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने कहा कि व्लादिमीर पुतिन को नवलनी की मौत की सूचना दी गई है.
पेसकोव ने कहा, “फेडरल पेनिटेंटरी सर्विस मौजूदा नियमों के अनुसार निरीक्षण कर रही है. इस संबंध में किसी निर्देश की आवश्यकता नहीं है.” फेडरल पेनिटेंटरी सर्विस एक कमीशन भेज रही है, जहां नवलनी की मौत हुई थी.
यमल फेडरल पेनिटेंटरी सर्विस ने एक बयान में कहा, “दोषी नवलनी ने टहलने के बाद अस्वस्थ महसूस किया और लगभग तुरंत ही होश खोने लगे, संस्थान के चिकित्साकर्मी तुरंत पहुंचे, और एक आपातकालीन चिकित्सा टीम को बुलाया गया. पुनर्जीवन के सभी आवश्यक उपाय किए गए, लेकिन सकारात्मक नहीं रहा.”
क्रेमलिन में विरोध प्रदर्शन का किया था नेतृत्व
बता दें कि दिसंबर की शुरुआत में वह व्लादिमीर क्षेत्र की एक जेल से लापता हो गए थे, यहां वह चरमपंथ और धोखाधड़ी के आरोपों में 30 साल की सजा काट रहे थे. नवलनी ने साल 2010 के क्रेमलिन में विरोध का नेतृत्व किया था. उन्हें जेल में बंद करना राजनीतिक प्रतिशोध कहा गया था. उन्हें पुतिन के जीवन काल में जेल से रिहा होने की उम्मीद नहीं थी.
एक पूर्व राष्ट्रवादी राजनेता, नवलनी ने चुनाव में धोखाधड़ी और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाकर पुतिन ने वीडियो में निष्कर्षों को शेयर करके रूस में 2011-12 के विरोध प्रदर्शन को भड़काने में मदद की थी.
2013 में, उनके राजनीतिक करियर में सबसे बड़ा बदलाव आया था. उस समय उन्होंने मास्को मेयर पद के चुनाव में 27% वोट हासिल किए थे. जिसके बारे में कुछ लोग का मानते थे कि यह चुनाव स्वतंत्र या निष्पक्ष था. वह वर्षों तक क्रेमलिन के लिए कांटा बने रहे. उन्होंने पुतिन के निजी उपयोग के लिए काला सागर पर बने एक महल, पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव द्वारा उपयोग की जाने वाली हवेली और एक यौनकर्मी की पहचान थी, जिसे एक शीर्ष विदेश अधिकारी के साथ जोड़कर देखा जाता था.
नवलनी पर जहर देने का लगा था आरोप
2020 में, रूस की एफएसबी सुरक्षा सेवा ने नोविचोक का उपयोग करके संदिग्ध जहर दिए थे, जिसके बाद नवलनी कोमा में चले गए और उन्हें इलाज के लिए जर्मनी ले जाया गया. उसके बाद वह ठीक हो गए और जनवरी 2021 में रूस लौट आए, जहां उन्हें पैरोल उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें 30 साल से अधिक की सजा सुनाई गई थी.
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