संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर शुक्रवार (16 फरवरी) को भारत बंद का आह्वान किया था. लेकिन पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों को छोड़कर इस बंद का देश में कहीं भी कोई असर देखने को नहीं मिला. दिल्ली-एनसीआर में दुकानें और व्यापारिक-शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह खुले रहे और सामान्य कामकाज हुआ. देश के सबसे बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान में भी कहीं बंद का असर दिखाई नहीं पड़ा. इसका बड़ा कारण किसान संगठनों की मांगों को जनता द्वारा उचित नहीं माना गया. पूरे देश में सबसे बड़े व्यापारियों के संगठन कैट ने एक दिन पहले ही इस आंदोलन में शामिल न होने की घोषणा कर दी थी. आंदोलन को बेअसर करने में इस घोषणा को भी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है. इतना ही नहीं इसके एक दिन पहले भी किसानों के रेल रोको आंदोलन को भी कोई सफलता नहीं मिली थी.
पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों में दिखा थोड़ा असर
किसानों के प्रभाव क्षेत्र वाले पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों में भारत बंद का सीमित असर देखा गया है. कई बाजारों में दुकानें बंद रहीं, तो व्यावसायिक-सरकारी संस्थान भी बंद रहे. चूंकि, किसान आंदोलन में सबसे बड़ी भागीदारी पंजाब के किसानों की ही है, इसलिए उनके प्रभाव क्षेत्र वाले क्षेत्रों में बंद का मिलाजुला असर हुआ है.
किसान विरोधी रैली भी निकली
जहां प्रदर्शन करने वाले और भारत बंद का आह्वान करने वाले किसान संगठन अपने साथ पूरे देश के किसानों-मजदूरों के होने का दावा कर रहे हैं, वहीं हरियाणा के कुछ इलाकों में किसान आंदोलन विरोधी रैली भी निकली. रैली में शामिल युवाओं का कहना था कि केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए कुछ किसान नेता बार-बार आंदोलन के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं. इससे किसानों के साथ-साथ आम लोगों को भी नुकसान हो रहा है और आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है.
यूपी की जनता ने भी बंद को नकारा
उत्तर प्रदेश में भारत बंद पूरी तरह से असफल रहा, यहां तक कि संयुक्त किसान मोर्चा के कर्ता-धर्ता राकेश के प्रभाव वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी इसका असर नहीं दिखा. यहां पूरी तरह से बाजार खुले रहे.यहां लोगों का कहना था कि किसान संगठनों को बार-बार आंदोलन करने की बजाय सरकार से बातचीत और चुनाव में सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति अपनानी चाहिए. युवाओं का कहना था कि बंद से केवल किसान नेता अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं, इन्हें किसानों के हितों से कोई लेना देना नहीं है.
छत्तीसगढ़ में बेअसर रहा बंद
छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस ने बंद का समर्थन करते हुए सभी व्यापारियों को आह्वान किया था, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ.यहां हर रोज की तरह आज भी बाजार खुले रहे. राजधानी रायपुर में भी इसका असर नहीं दिखा. ऐसे ही सभी जिलों में भारत बंद बेअसर दिखा.
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