पक्षिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दे दी है. कोर्ट ने बीजेपी सांसद सुकांत मजूमदार की ‘कदाचार’ संबंधी शिकायत पर लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार समिति द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य के खिलाफ जारी नोटिस पर सोमवार को रोक लगा दी. बता दें कि पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित संदेशखाली जाने से रोकने पर भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस कर्मियों के साथ झड़प हो गयी थी, जिसमें मजूमदार घायल हो गए थे.
पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ये मामला राजनीति से प्रेरित है. जब धारा 144 लागू है, तो इसका उल्लंघन कैसे किया जा सकता है. धारा 144 लागू होने पर राजनीतिक कार्यक्रम नहीं किया जा सकता है. सिब्बल ने आगे कहा कि जो शिकायत दर्ज कराई गई है वो पूरी तरह से गलत है. हम वीडियो दिखा सकते हैं. वहां जाने वाले सांसद भी उस इलाके के नहीं है.
Senior Advocate Kapil Sibal, appearing for petitioner, says "political activities can't be part of privilege"
— ANI (@ANI) February 19, 2024
क्या है पूरा मामला?
पश्चिम बंगाल के उत्तर परगना 24 का संदेशखाली गांव की महिलाओं ने टीएमसी नेता शेख शाहजहां पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कुछ महिलाओं के साथ यौन शोषण भी किया. और इसके साथ ही शाहजहां पर उनकी जमीन पर कब्जा करने का भी आरोप लगाया गया है. शाहजहां शेख और उनके सहयोगी महिलाओं पर कथित अत्याचार किए जाने को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले पर भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार पश्चिम बंगाल में हिंसा प्रभावित संदेशखली जा रहे थे, लेकिन इस दौरान उनको वहां जाने पर रोक दिया गया था. जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ता और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हो गई. झड़प के दौरान मजूमदार घायल हो गए थे. इस घटना को लेकर मजूमदार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी.
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