महाराष्ट्र विधानसभा में मराठा आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास हो गया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज इसे पेश किया. विधानमंडल के विशेष सत्र से पहले महाराष्ट्र कैबिनेट ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% मराठा आरक्षण के बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी थी.
वहीं, विधानसभा में पारित होने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण विधेयक को महाराष्ट्र विधान परिषद में पेश कर दिया है. अब विधान परिषद में इस पर चर्चा होगी और फिर वोटिंग कराई जाएगी.
Maratha Reservation Bill for reservation in education and jobs unanimously passed by Maharashtra Legislative Council pic.twitter.com/WVIrR8btmh
— ANI (@ANI) February 20, 2024
बता दें कि सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया था. इस सत्र में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे. सरकार चाहती है कि अन्य समुदायों के लाभों को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को स्थायी आरक्षण दिया जाए.
क्या है विधेयक में?
2024 में, महाराष्ट्र राज्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा विधेयक का प्रस्ताव दिया गया है कि आरक्षण लागू होने के 10 वर्ष बाद इसकी समीक्षा की जा सकती है. विधेयक में बताया गया कि राज्य में मराठा समुदाय की आबादी 28% है. गरीबी रेखा से नीचे कुल मराठा परिवारों में से 21.22% के पास पीले राशन कार्ड हैं. यह राज्य के औसत 17.4% से ज्यादा है. जनवरी-फरवरी के बीच किए गए सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि मराठा समुदाय के 84% परिवार उन्नत श्रेणी में नहीं आते हैं. ऐसे में उन्हें आरक्षण दिया जाए. विधेयक में यह भी कहा गया कि महाराष्ट्र में कुल आत्महत्या करने वाले किसानों में से 94% मराठा परिवारों से हैं.
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