दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी नई पार्टी की घोषणा कर दी है. उन्होंने पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) रखा है. मौर्य ने दिल्ली में कार्यकर्ता समागम में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अपने पत्ते भी खोल दिए हैं. बता दें कि तीन दिन पहले ही स्वामी प्रसाद ने सपा की प्राथमिक सदस्यता और एमएलसी पद से इस्तीफा दिया था. आगामी लोकसभा चुनावों में यह पार्टी अखिलेश यादव के लिए चुनौती भी पैदा कर सकती है.
13 फरवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था और हाईकमान पर भेदभाव का आरोप लगाया था. मौर्य 20 साल तक बसपा में रहे और वे मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. उसके बाद 2017 के चुनाव से पहले मौर्य बीजेपी में शामिल हो गए थे. जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो मौर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. हालांकि, 5 साल बाद वे बीजेपी को छोड़कर 2022 के चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए थे.
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— Rashtriya Shoshit Samaaj Party (@officialrssp) February 22, 2024
सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को विधानसभा चुनाव में कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से टिकट दिया था. हालांकि, वे 26 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे. इसके बाद सपा ने स्वामी को एमएलसी बनाया और पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौपी थी. दो साल बाद मौर्य ने सपा पार्टी को छोड़कर नई पार्टी बना ली. फिलहाल मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बंदायू से भाजपा सांसद हैं.
सपा छोड़ने का बताया कारण
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा छोड़ने का कारण भी बताया था. स्वामी प्रसाद ने बताया कि अखिलेश यादव ‘समाजवादी विचारधारा’ के खिलाफ जा हे हैं. उन्होंने ‘एक्स’ पर अखिलेश यादव को संबोधित करते हुए इस्तीफा पत्र भी पोस्ट किया था. स्वामी ने कहा, ‘पार्टी छोड़ने का उनका कारण ‘अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के साथ वैचारिक मतभेद’ है. मैं स्वच्छ राजनीति में विश्वास करता हूं. मैंने अखिलेश यादव को देखा. वे समाजवादी विचारधारा के खिलाफ जा रहे थे. मेरे पास मुलायम सिंह यादव के साथ काम करने का अनुभव भी है. वो एक कट्टर समाजवादी नेता थे, जो लोग उनकी विरासत को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.’
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— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 20, 2024
मौर्य ने अखिलेश पर खड़े किए सवाल
मौर्य ने अखिलेश यादव की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, ‘अखिलेश इतने धर्मनिरपेक्ष हैं कि उन्होंने कार्यालय परिसर में पूजा की. इससे बीजेपी को भी आश्चर्य हुआ होगा. दिवंगत मुलायम सिंह (समाजवादी पार्टी के संरक्षक) भी एक महान हनुमान भक्त थे, लेकिन उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया.’
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— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 13, 2024
मौर्य के इस्तीफे पर डिंपल यादव ने दी थी प्रतिक्रिया
वहीं दूसरी तरफ मौर्य के इस्तीफे पर समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव ने प्रतिक्रिया दी थी. डिंपल ने कहा, स्वामी प्रसाद जी चुनाव के दौरान पार्टी में शामिल हुए और नहीं जीतने के बावजूद पार्टी ने उन्हें एमएलसी बनाया और विधानसभा में भेजा, हम स्वामी प्रसाद मौर्य का पूरा सम्मान करते हैं, कुछ लोगों का पार्टी छोड़ना एक ‘सामान्य पहलू’ है.
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