बीते वर्ष 31 जुलाई को नूंह में जलाभिषेक यात्रा के दौरान हुई हिंसा में शामिल आरोपितों को उकसाने के आरोपित फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक तथा अन्य आरोपितों पर कड़ा शिकंजा कसने की तैयारी हो चुकी है. उस हिंसक घटना के आठ माह बाद पुलिस ने मामन तथा अन्य के विरुद्ध गैर कानूनी गतिविधियां निषेध कानून (UAPA) की धारा जोड़ी है.
जमानत पर चल रहे मामन को एक बार फिर से जमानत के लिए अदालत जाना पड़ेगा. दो अप्रैल को अदालत में सुनवाई होगी. जिसमें दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत फैसला सुनाएगी. SIT ने ठोस सबूत दिए तो जमानत मिलने की संभावना नहीं है. अदालत पेशी के दौरान मामन को गिरफ्तार करने के आदेश देकर आगे की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को दे सकती है.
प्रदेश सरकार अधिसूचना जारी करने के बाद जांच NIA से कराने की सिफारिश करेगी. पहले से दर्ज चार FIR में पुलिस ने गैर कानूनी गतिविधियां निषेध कानून (UAPA) की धारा जोड़ी है. जिससे आरोपितों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. हिंसा को लेकर पुलिस ने गुरुग्राम पुलिस के दो गृहरक्षी (होमगार्ड) व एक बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या सहित साइबर थाने में आगजनी को लेकर तीन FIR दर्ज की थी.
एक बड़कली चौक पर हुई हिंसा को लेकर नगीना थाने में FIR नंबर 149 दर्ज की गई थी. जिसमें मामन पर हिंसा करने वाले आरोपितों को उकसाने का आरोप लगा. बता दें, 15 अप्रैल 2023 को SIT ने मामन को गिरफ्तार किया था. एक महीने तक न्यायिक हिरासत में रहने पर विधायक को जमानत मिली थी. नूंह में हुई हिंसा में छह लोगों की हत्या हुई थी सौ से अधिक वाहनों को आग लगा दी गई थी. हिंसा के बाद स्थिति सामान्य करने के लिए एक महीने तक कर्फ्यू लगाना पड़ा था.
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